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Friday, September 1, 2017

रोला छन्द - श्री कन्हैया साहू "अमित"

रोला छन्द - श्री कन्हैया साहू  "अमित"

किसान -

धनहा डोली खार,संग मा गाङ़ी बइला।
नाँगर जाँगर जोर,अन्न तैं देथच सबला।।
जगहित साधे काज,सबो के जीवन दाता।
बरुवा सिधवा पूत,तोर हे धरती माता ।।

टेटका -

मनखे बदले रंग,असल ला तोपे ढ़ाँके।
परके देखे दोस,अपन मा नइ तो झाँके।।
कथनी करना आन,दुसर ला पाठ पढ़ाथे।
अइसन दुनिया ढ़ंग,टेटका घलो लजाथे ।।

सुरता -

बढ़िया बीते आज,काल सुरता बन जाही।
करबो हित के काज,समे कब लहुरा आही।।
मानुस तन ला पाय,कभू झिन बिरथा पारव।
मन के संसो टार,मया के थरहा डारव।।

रचनाकार - कन्हैया साहू "अमित"
भाटापारा, छत्तीसगढ़

17 comments:

  1. बहुँत सुघ्घर रोला बधाई हो अमित भईया जी

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  2. बहुँत सुघ्घर रोला बधाई हो अमित भईया जी

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  3. वाह्ह्ह्ह्ह् अमित भाई सुग्घर रोला ,बधाई

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  4. आप सबो ला अंतस ले अभार।

    गुरुदेव के बारंबार पयलगी इँखर किरपा ले ए सब संभव होय हे।

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  5. वाह्ह् बड़ सुग्घर संदेश हे आपके रोला छंद म अमित सर जी बहुत बधाई

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  6. वाहःहः अमित भाई सुघ्घर छंद

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  7. बड़ सुघ्घर रोला छंद अमित जी।।

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  8. बड़ सुघ्घर रोला छंद अमित जी।।

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  9. बहुत बढ़िया दोहा अमित भाई

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  10. बहुत सुग्घर रोला छंद सर।सादर बधाई

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  11. बहुत सुग्घर रोला छंद सर।सादर बधाई

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  12. बहुत सुग्घर रोला छंद हे,अमित भैया। बधाई।

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  13. कन्हैया जी ,बहुँत सुग्घर रोला सिरजाय हव।बधाई।

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  14. अमित भैया बहुत बढ़िया

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