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Monday, September 11, 2017

रोला छन्द - श्री सूर्यकान्त गुप्ता

रोला छन्द - श्री सूर्यकान्त गुप्ता

(1)
बाढ़ै अत्याचार,  होय अवतार प्रभू के।
कर दै बेड़ापार, जगत आधार न चूके।।
दिन बादर हे आज, उही महुरत सँघरागे।
बाजै बढ़िया साज, जनम दिन कान्हा आगे।।

(2)
बहिनी बर तो प्रेम, कंस के जानौ अड़बड़।
करिस बंधु के अहम्, मगर सब कोती गड़बड़।।
खुद ला समझ अजेय, बंधु तो हे बौराये।
नारद बचन सुनाय, कंस ला मौत बलाये।।

(3)
नारद बोलिस कंस, मारही पूत देवकी।
संख्या ओकर आठ, जान ले बात देव की।।
आय आठवाँ कोन, मँहू नइ जानत हावँव।
रहिके मुनिवर मौन, कहिस मैं जावत हावँव।।

(4)
सुनके नारद बात, कंस के सुध हेरागै।
सोच सोच दिन रात, ओखरो जी डेरागै।।
बाँधिस बेड़ी पाँव, देवकी अउ भाँटो के।
कहिस जेल तुम जाव, पाव अब दुख आँसो के।।

(5)
जनमत गइन कोंख देवकी ले लइका मन ।
पाइस नही समोख मार दिस कंस ममा बन।।
मारिस सातों पूत देवकी के वो पापी।
लइस प्रभू अवतार हते बर कंस प्रतापी।।

(6)
आठे भादो रात, रहै अँधियार पाख के।
जँउहर ओ बरसात,  नई कहि सकौं भाख के।।
कान्हा नटवर श्याम, करिन उन अद्भुत लीला।
आइन मथुरा धाम, देवकी के बन पीला।।

(7)
करिन याद वसुदेव, कंस के अत्याचारी।
कहिन करौं का देव, देवकी ओ महतारी।।
चलिन पिता वसुदेव, सूप मा धरे कन्हैया।
गोकुल घर बलदेव, जहाँ हे बन के भइया।।

(8)
मात यशोदा नंद,  बाप बन मन हर्षाये।
नोनी ला वसुदेव,  कंस बर मथुरा लाये।।
पर ओ मूरख जान, घलो बेटी ला मारय।
बेटी देवी मान, काल ला ओही टारय।।

(9)
देवी कहिस सियान कंस तैं मरबे अब तो।
आ गे हे भगवान, काय तैं करबे अब तो।।
गोकुल मा आनंद, मनावैं नंद यशोदा।
खेलैं बाल मुकुंद, लेन आनंद हमू गा।।

रचनाकार - श्री सूर्यकांत गुप्ता
सिंधिया नगर दुर्ग (छत्तीसगढ़)

31 comments:

  1. बहुत सुघ्घर रोला छंद आदरणीय भैया जी।।

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  2. बहुत सुघ्घर रोला छंद आदरणीय भैया जी।।

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  3. बहुत बढ़िया रोला छंद भैया

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  4. वाह्ह्ह्ह्ह् सर जी एक से बढ़के एक रचना

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  5. वाह गुप्ता सर जोरदार रोला

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  6. वाह गुर्ता सर जोरदार रोला

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  7. बहुँत बहुँत बढ़िया रोला सूर्यकांत भईया जी

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  8. बहुँत बहुँत बढ़िया रोला सूर्यकांत भईया जी

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  9. बहुँत बहुँत रोला सूर्यकांत भईया जी

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  10. वाहःहः भाई जी कृष्ण अवतार के बहुत सुघ्घर रोला छंद
    बधाई हो

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  11. कृष्ण अवतार के रोला छंद बहुत बढ़िया सुर्यकांत भाई बधाई

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  12. आदरणीय गुरु भैया के आभार अउ मोर सबो मयारूक बहिनी भाई मन ल तहे दिल से शुक्रिया अउ आभार....
    __/\__ __/\__ __/\__

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  13. AM
    कृष्ण अवतार के रोला छंद सुग्घर सर जी

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  14. लाजवाब रोला छंद के सृजन आदरणीय बड़े भैया।बहुत बहुत बधाई।

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    1. अंतस ले धन्यवाद भाई अहिलेश्वर

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  15. बहुत सुग्घर रोला छंद के सृजन भैयाजी।सादर बधाई

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  16. बहुत सुग्घर रोला छंद के सृजन भैयाजी।सादर बधाई

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  17. मनमोहन श्री कृष्ण के पावन मोहक कथा ला रोला छन्द मा बहुतेच सुग्घर ठंग ले वर्णन करे हव आदरणीय सूर्या भइया जी।सादर नमन।

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    1. मोर मयारुक बड़े भैया के हिरदे ले आभार प्रकट करत हौं गुरुवर निगम भैया के कृपा अउ आप मन के प्रेम के प्रताप आय....सादर

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  18. बहुत सुग्घर अउ अनुकरणीय रोला छंद के सिरजन करे हव,गुरुदेव गुप्ता जी। बधाई अउ शुभकामना।नमन।

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  19. बहुत सुग्घर अउ अनुकरणीय रोला छंद के सिरजन करे हव,गुरुदेव गुप्ता जी। बधाई अउ शुभकामना।नमन।

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  20. Replies
    1. दीदी ल पैलगी सहित.... अपन हिरदे ले आभार कहत हौं....दीदी के असीस ....

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  21. बड़े भैया शानदार रोला छन्द बधाई आप ला

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    1. दया मया धरे रहिबे भाई...
      धनयवाद अबड़ अकन...
      जय जोहार...

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    2. दया मया धरे रहिबे भाई...
      धनयवाद अबड़ अकन...
      जय जोहार...

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