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Tuesday, September 12, 2017

सरसी छन्द - श्री सुखन जोगी

सरसी छन्द - श्री सुखन जोगी

(1)  नारी

नारी हर तो नोहैं अबला , हक ल बराबर बाँट|
हक अपन पाय खातिर ओमन , निकलिन बेड़ी काट|

दुर्गा काली झाँसी देखव, धरथें रूप हजार |
पापी मन के मुड़ी ल काटिन , धरके जी तलवार|

आज काल के नारी देखव , कतको करथें काज
कतको गीता फोगाट सरी, रखे ददा के लाज |

महिला दिवस म मैंहा बंदौं , घर के माता पाँव|
जग जननी जेला कहिथैं जी, देथे ममता छाँव |

(2) होली

झुमर झुमर नाचत हे सरसों, परसा छिटकै रंग |
सुक्खा करही देखन लागे , सेमरा हवै संग |

पुरवा करे सरर सइया ता  , कोयल  गावै  फाग |
घोरे हे मतौना मऊँहा, कौआँ देवै राग |

करिया करिया बादर छागे ,  भाग मँजुर गय जाग|
नाँच नाँच भीगे पानी मा  , मन के बुझाय आग |

आगे आगे फागुन राजा ,  धरे  नँगारा ढोल |
धर पिचका सब संगी साथी, रंग लगाबो घोल |

गली गली पारा मोहल्ला , करबो सब हुड़दंग|
बुरा नहीं मानव होली हे , कहिके करबो तंग |

लाली पिंवरा संगे हरियर , धर जाबोन गुलाल|
चाहे कोनो रहय रचाबो, हम तो ओखर गाल |

होली हे भइ होली हे हो ,बुरा नहीं तैं मान |
आपस के झगरा ला मेटव , गा लौ फागुन गान |

टिनक टिनक टिमकी हा बाजे ,ढम ढम बाजे ढोल |
चारो दिशा म गूँजत हावै , होली हे के बोल |

रचनाकार - श्री सुखन जोगी
ग्राम - डोंड़की (बिल्हा)
छत्तीसगढ़ 

19 comments:

  1. सुग्घर सरसी छंद जोगी जी

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  2. होली हे भई होली हे बहुत सुघ्घर सरसी छंद भाई सुखन

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  3. होली हे भई होली हे बहुत सुघ्घर सरसी छंद भाई सुखन

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  4. बहुतेच सुग्घर सरसी छन्द बर भाई सुखन जोगी जी ला बहुत बहुत बधाई।

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  5. बहुत सुग्घर सरसी छंद मा रचना सर।सादर बधाई

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  6. बहुत सुग्घर सरसी छंद मा रचना सर।सादर बधाई

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  7. बहुत सुग्घर सरसी छंद,सुखन भैया। बहुत बहुत बधाई अउ शुभकामना।

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  8. वाह्ह्ह्ह् वाह्ह्ह्ह् वाह्ह्ह्ह्....
    बड़ सुग्घर भाई ....
    हिरदे.ले बधाई....
    सादर......

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  9. वाहःहः सुघ्घर सरसी छंद सृजन करे हव भाई
    बधाई हो

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  10. वाह्ह्ह्ह्ह् भइया जी सुग्घर रचना

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  11. होली तिहार के रंग ल अपन सरसी छंद के बँधना म बढ़िया बाँधे हव सुखन भाई।बधाई।।

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  12. होली तिहार के रंग ल अपन सरसी छंद के बँधना म बढ़िया बाँधे हव सुखन भाई।बधाई।।

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  13. बहुँत बढ़िया जोगी भईया जी

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  14. बहुँत बढ़िया जोगी भईया जी

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  15. सुघ्घर सरसी छंद सृजन करे हव
    बधाई हो भाईजी

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  16. सुघ्घर सरसी छंद सृजन करे हव
    बधाई हो भाईजी

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  17. सुखन भैया बहुत बढ़िया छन्द सृजन

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  18. वाह्ह् सुन्दर सरसी छंद के सृजन बर सुखन सर जी ला बहुत बहुत बधाई।

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