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Friday, September 8, 2017

मदिरा सवैया - श्रीमती आशा देशमुख


 मदिरा सवैया - श्रीमती आशा देशमुख

(1)
राम रहीम धरे मुड़ रोवत नाम इँहा बदनाम करे ।
उज्जर उज्जर गोठ करे अउ काजर के कस काम करे ।
रावण के करनी करके मुख मा कपटी जय राम करे ।
त्याग दया तप नीति बतावय भोग उही दिन शाम करे ।

(2)
काम करो अइसे जग मा सब निर्मल देश समाज रहे।
मानय नीति निवाव सबो झन सुघ्घर गाँव सुराज रहे ।
दीन दुखी कउनो झन राहय हाँथ सबो श्रम काज रहे
हाँसत खेलत बीतय गा सबके जिनगी सुर साज रहे ।

(3)
सूरज चाँद उवे जग मा गुरु के बिन ये अँधियार हवे ।
जे जिनगी उजियार करे गुरु हे जगतारन हार हवे ।
वेद पुराण मिले जग ला सब ये गुरु के उपकार हवे ।
अंतस जोत जलावत हे  महिमा गुरु ज्ञान अपार हवे ।

(4)
मान मरे पुरखा मन के अउ जीयत बाप इँहा तरसे ।
रीत कहाँ अब कोन बतावय नीर बिना मछरी हरसे ।
देखत हे जग के करनी सब रोवत बादर हा बरसे ।
फोकट के मनखे अभिमान दिनों दिन पेड़ सही सरसे ।

रचनाकार -  श्रीमती आशा देशमुख
एन टी पी सी कोरबा, छत्तीसगढ़

29 comments:

  1. सुघ्घर मदिरा सवैया छंद बर बधाई।

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  2. सुघ्घर मदिरा छंद बर बधाई।

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  3. वाह्ह्ह्ह्ह् दीदी सुग्घर मदिरा सवैया सम सामयिक अउ गुरु के महिमा के बखान

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    1. दुर्गा भाई अन्तस् ले आभार

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  4. आपके कलम अइसने चलत रहय दीदी

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    1. गुरुदेव के आशीष हरे भाई

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  5. आपके कलम अइसने चलत रहय दीदी

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  6. वाह्ह वाह्ह लाजवाब । विधान अउ भाव मा सोला आना मदिरा सवैया। बहुत बहुत बधाई आशा बहिनी जी।

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  7. वाह्ह् वाह्ह्ह सुग्घर भाव ल धरे सवैया हे दीदी।

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  8. बहुत बढ़िया सवैया आशा दीदी

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  9. जबरदस्त सवैया दीदी। बधाई हो।

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  10. लाजवाब मदिरा सवैया,आशा दीदी। बहुत बहुत बधाई अउ शुभकामना।

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  11. बहुँत सुघ्घर बधाई हो दीदी

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  12. बहुँत सुघ्घर बधाई हो दीदी

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  13. जानत हें गुरु छंद विधा जन मानस बीच मढ़ावत हें।
    चाहत राखत ठोस सबो झन ज्ञान बढ़ावत जावत हें।।
    साहित के सब साधक जानव सुंदर छंद सजावत हें।
    सीखत छंद विधान सबो गुरुके सनमान बढ़ावत हें।।

    श्रद्धेय गुरुवर भैया अरुण निगम जी के सानिध्य मा मंच के जम्मो साधक मन के मन मा छंद अतेक रच बस गे हे के जम्मो साधक एमा पोट्ठ होगे हँवय....बहिनी आशा के हिंदी मुक्तक, नवगीत के जतका तारीफ़ करन कम परही..फेर हमर प्रांत के बोली म छंद के घँई ल पकड़िन अउ उहू म महारत हासिल करिन...दिल खुश होगे...
    अब्बड़ अकन बधाई बहिनी आशा ल....
    सादर नमन घलो....

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    1. आपमन के प्रतिक्रिया हमेशा मोला कोंदी कर देथे भाई जी
      आपके स्नेह से अभिभूत हँव मैं

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  14. बेहतरीन सृजन दीदी।सादर बधाई

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  15. बेहतरीन सृजन दीदी।सादर बधाई

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  16. गुरूजी आपमन के कृपा के का बखान करंव गुरुदेव
    ये उपकार के नमन करत हँव गुरुदेव

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  17. बहुत बढ़िया रचना दीदी ,लाजवाब दीदी ।

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