Followers

Sunday, September 10, 2017

मत्तगयंद सवैय्या छंद - श्री सुखदेव सिंह अहिलेश्वर

मत्तगयंद सवैय्या छंद - श्री सुखदेव सिंह अहिलेश्वर

(1)
सावन के महिना बड़ पावन,काँवरिया बन पुन्न कमाबो।
फोंक नदी म नहावत खोरत मंदिर जाय के फूल चढ़ाबो।
काँवर मा जल बोह के आवत जावत शंकर के गुन गाबो।
देत असीस सदाशिव शंकर हाँथ लमावत माँगत आबो।

(2)          
खेत भरे न भरे मन मोर तभो बरसात के बूँद थिरागे।
का मन भीतर हे बदरा बिन कारन काबर मूड़ पिरागे।
काबर काम बिगाड़त हावस का बरसा जल तोर सिरागे।
कारन आज बता प्रभु काबर मोर किसान के भाग रिसागे।

(3)
हे गुरुदेव कृपा करहू मन मूरख मोर सुजान करौ जी।
काजर ले करिया मन हे गुरु उज्जर आप समान करौ जी।
अंतस हे कठवा पथरा गुरु मंत्र ले चेतन प्रान करौ जी।
लौह सही तन जंग लगे गुरु पारस आप धियान करौ जी।

(4)
पैजनिया ल बजावत रेंगत खोर गली ल जगावय गोरी।
हाँसत बोलत ठोलत जावत हे कनिहा लचकावय गोरी।
सेंट लगे महँगा कपड़ा तन अब्बड़ हे ममहावय गोरी।
सुग्घर हे सम्हरे पहिरे मुँह देखत मा सरमावय गोरी।

(5)
तीज तिहार लगे मनभावन जे बड़ पावन रीत धरे हे।
द्वार सुहावन लागत हे जस आज नता जग जीत डरे हे।
गाँव गली मुसकावत हे बहिनी मन के शुभ पाँव परे हे।
आज सबे हिरदे खुश हे बिटिया बर सुग्घर भाव भरे हे।

(6)
आज पधारत हे गणराज चलौ मिलके करबो अगुवानी।
नाँव गणेश गजानन जेखर मातु हवै गउरी महरानी।
कातिक जेखर बन्धु लगे अउ बाप सदाशिव औघट दानी।
झाँझ मृदंग धरौ मनुवा सँग श्रीफल हाथ चरू भर पानी।

रचनाकार - सुखदेव सिंह अहिलेश्वर
ग्राम - गोरखपुर (कवर्धा) जिला - कबीरधाम
छत्तीसगढ़

29 comments:

  1. वाह वाह।लाजवाब मत्तगयंद सवैया लिखे हव ,सुखदेव भैया आनंद आगे ।बहुत बहुत बधाई अउ शुभकामना।

    ReplyDelete
  2. वाह वाह।लाजवाब मत्तगयंद सवैया लिखे हव ,सुखदेव भैया आनंद आगे ।बहुत बहुत बधाई अउ शुभकामना।

    ReplyDelete
    Replies
    1. सादर धन्यवाद आदरणीय मोहन भैया

      Delete
  3. भाई सुखदेव अति सुंदर नाम के अनुसार सुख देने वाला सृजन करे हव भाई
    बहुत बहुत बधाई

    ReplyDelete
    Replies
    1. श्रद्धेय गुरुदेव श्री निगम जी के कोटिश चरण वंदन जेखर कृपा ले आज हमू मन आप जैसे विदुषी मन के सराहना पावत हन।बहुत बहुत धन्यवाद दीदी प्रणाम।

      Delete
  4. बहुत बढ़िया अहिलेश्वर जी।
    सुग्घर सवैया।

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत बहुत धन्यवाद कन्हैया सर जी

      Delete
  5. वाह्ह्ह् वाह्ह्ह्।बहुतेच सुग्घर मत्तगयनद सवैया रचे हव अहिलेश्वर जी। भाव अउ विधान देखते बनत हे।छत्तीसगढ़ी छन्द अउ आपके यश सदा बाढ़ते राहय।

    ReplyDelete
    Replies
    1. सादर प्रणाम बादल भैया सदैव आशिर्वाद मिलत रहै।

      Delete
  6. बधाई हो सुखदेव भाई।। बड़ सुघ्घर सवैया।।

    ReplyDelete
    Replies
    1. सादर धन्यवाद आदरणीय पात्रे भैया
      प्रणाम

      Delete
  7. बड़ सुघ्घर सवैया बड़े भैया

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत बहुत धन्यवाद खैरझिटिया सर जी

      Delete
  8. जोरदार सवैया अहिलेश्वर जी

    ReplyDelete
  9. जोरदार सवैया अहिलेश्वर जी

    ReplyDelete
    Replies
    1. सादर धन्यवाद अजय "अमृतांशु" सर जी

      Delete
  10. वाह्ह्ह्ह्ह् भइया शानदार जानदार सवैया

    ReplyDelete
  11. वाह्ह्ह्ह्ह् भइया शानदार जानदार सवैया

    ReplyDelete
    Replies
    1. साभार धन्यवाद दुर्गा शंकर सर जी।

      Delete
  12. सुखदेव भईया बहुँत सुघ्घर

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत बहुत धन्यवाद अतनु सर जी।

      Delete
  13. बहुत बढ़िया लिखे हव सुखदेव भाईई

    ReplyDelete
    Replies
    1. सराहना बर सादर आभार दीदी।

      Delete
  14. ज़बरदस्त भाई अहिलेश्वर...चलन दौ...अइसने...

    ReplyDelete
    Replies
    1. आशिर्वाद बने रहै आदरणीय गुप्ता भैया।
      सादर धन्यवाद।

      Delete
  15. बेहतरीन सृजन सर ।सादर बधाई

    ReplyDelete
  16. बेहतरीन सृजन सर ।सादर बधाई

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत बहुत धन्यवाद ज्ञानु सर जी

      Delete
  17. बहुत बढ़िया सृजन भैया जी बधाई आप ला

    ReplyDelete