Followers

Wednesday, November 15, 2017

आल्हा छन्द - श्री जीतेन्द्र वर्मा"खैरझिटिया

मैं वीर जंगल के -

झरथे  झरना  झरझर  झरझर,पुरवाही मा नाचे पात।
ऊँच ऊँच बड़ पेड़ खड़े हे,कटथे जिँहा मोर दिन रात।

पाना   डारा   काँदा   कूसा, हरे   मोर   मेवा   मिष्ठान।
जंगल झाड़ी ठियाँ ठिकाना,लगथे मोला सरग समान।

कोसा लासा मधुरस चाही,नइ चाही मोला धन सोन।
तेंदू  पाना  चार   चिरौंजी,संगी  मोर  साल  सइगोन।

घर के बाहिर हाथी घूमे,बघवा भलवा बड़ गुर्राय।
आँखी फाड़े चील देखथे,लगे काखरो मोला हाय।

छोट मोट दुख मा घबराके,जिवरा नइ जावै गा काँप।
रोज  भेंट  होथे  बघवा ले, कभू संग सुत जाथे साँप।

लड़े  काल  ले  करिया  काया,सूरुज  मारे  कइसे  बान।
झुँझकुर झाड़ी अड़बड़ भारी,लगे रात दिन एक समान।

घपटे  हे  अँधियारी  घर मा,सूरुज नइ आवै गा तीर।
बघवा भलवा हाथी सँग मा,रहिथौं मैं बनके गा बीर।

रेंग  सके  नइ कोनो मनखे,उँहा घलो मैं देथौं  भाग।
आलस जर जर भूँजा जाथे,हरे खुदे तन मोरे आग।

गरब गठैला  तन के करथौं,चढ़ जाथौं मैं झट ले झाड़।
सोना उपजाथौं महिनत कर,पथरा के छाती ला फाँड़।

उतरौं  चढ़ौ  डोंगरी  घाटी ,तउरौं  मैं  नँदिया के धार।
कतको पीढ़ी इँहिचे खपगे,मानन नहीं कभू जी हार।

डर नइ लागे बघवा भलवा,डर नइ लागे बिखहर साँप।
मोर जीव  हा  तभे  कापथे,जब  होथे  जंगल  के नाँप।

पथरा  कस  छाती ठाहिल हे,पुरवा पानी  कस  हे  चाल।
मोर उजाड़ौ झन घर बन ला,झन फेकव जंगल मा जाल।

जीतेन्द्र वर्मा"खैरझिटिया"
बाल्को(कोरबा)

16 comments:

  1. परम पूज्य गुरुदेव को सादर पायलागी

    ReplyDelete
  2. परम पूज्य गुरुदेव को सादर पायलागी

    ReplyDelete
  3. वाह्ह्ह्ह्ह् भइया सुग्घर आल्हा छन्द

    ReplyDelete
  4. वाहःहः भाई जितेंन्द्र
    जीत डरे सबके मन ला
    बधाई हो

    ReplyDelete
  5. वाह्ह्ह्ह सर लाजवाब आल्हा छंद के सृजन।

    ReplyDelete
  6. अतिसुन्दर अभिव्यक्ति हावै सर जी

    ReplyDelete
  7. बढ़िया सुग्हर आल्हा हावय, पढव सबो झन लव आनंद।

    ReplyDelete
  8. वाह-वाह।आदरणीय जितेन्द्र भैया,शानदार आल्हा छंद ।बधाई अउ शुभकामना।

    ReplyDelete
  9. वाह्ह्ह् वाह्ह्ह् शानदार सृजन।बधाई जितेंद्र जी।

    ReplyDelete
  10. बहुत सुंदर रचना वर्मा भैया

    ReplyDelete
  11. बहुत सुघ्घर जितेन्द्र भाई आल्हा छंद लिखे हव बधाई

    ReplyDelete
  12. वाह्ह्ह् वाह्ह्ह् सुग्घर आल्हा छंद सर।सादर बधाई

    ReplyDelete
  13. मस्त आल्हा छंद वर्मा जी

    ReplyDelete
  14. सुग्घर आल्हा छंद।।बधाई

    ReplyDelete
  15. बहुँत बढ़िया बधाई हो भईया जी

    ReplyDelete
  16. बहुँत बढ़िया बधाई हो भईया जी

    ReplyDelete