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Thursday, February 8, 2018

सिहांवलोकनी दोहा--श्री दिलीप कुमार वर्मा

बइठव बिरवा छाँव मा,पावव सुग्घर ज्ञान।
बाँटत हे गुरुदेव हा,आवव सबो सुजान।।1।।

आवव सबो सुजान मन,सिखलव रचना छंद।
बिना ज्ञान के देख लव,छंद लिखइ हे बंद।।2।।

छंद लिखइ हे बंद जे,तेला चला उठाव।
साधव बढ़िया छंद ला,साहित पोठ बनाव।।3।।

साहित पोठ बनाय बर,करबो सबझन काम।
भाखा होही पोठ जी,हमरो होही नाम।।4।।

हमरो होही नाम जब,देबो मोती सार।
कचरा मन सब जर जही,सार रहे भरमार।।5।।

सार रहे भरमार तब,पढ़ही लोगन जान।
नियम बद्ध अउ ब्याकरण,कसे रही सब मान।।6।।

कसे रही सब मान ले,बनही ओ इतिहास।
चीर समे लोगन पढ़े,हमला हाबय आस।।7।।

हमला हाबय आस जी,रहिथे सच गा बात।
कचरा मन सब जर जथे,लबरा खाथे लात।।8।।

लबरा खाथे लात ला,नइ पावय ओ मान।
सच्चा साहित सिख सखा,सोना येला जान।।9।।

सोना येला जान ले,जरे आँच नइ आय।
अंतकाल तक ये रहे,सब के मन ला भाय।।10।।

रचना कार--श्री दिलीप कुमार वर्मा
बलौदा बाज़ार,छत्तीसगढ़

20 comments:

  1. वाह्ह वाह्ह सर आनंद आगे।

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  2. बहुत बढ़िया भईया जी बधाई हो

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  3. बहुत बढ़िया भईया जी बधाई हो

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  4. शानदार सिंहावलोकनी दोहा सर जी बधाई

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  5. शानदार सिंहावलोकनी दोहा सर जी बधाई

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  6. गजब के प्रस्तुति भाई के...
    सादर अनेकानेक बधाई भाई ल

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  7. वाह वाह शानदार सिहावलोकनी दोहा सिरजे हव दिलीप वर्मा जी।हार्दिक बधाई।

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  8. दिलीप भाई जी
    शानदार सिंहवलोकनी दोहा
    बहुत बहुत बधाई।उत्कृष्ट सृजन हेतु।

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  9. दिलीप भाई जी
    शानदार सिंहवलोकनी दोहा
    बहुत बहुत बधाई।उत्कृष्ट सृजन हेतु।

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  10. मात्रा मा बड - दोष हे, भाई बने - सुधार
    सीख शब्द ला जान ले, जान शब्द के मार।

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  11. अनुपम रचना सर।सादर बधाई

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  12. अनुपम रचना सर।सादर बधाई

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  13. बहुत सुघ्घर छंद रचना गुरुदेव जी,बधाई हो

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  14. बधाई हो दिलीप भाई सुघ्घर सिहांवली दोहा लिखे हव

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  15. बहुत सुग्घर अउ लाजवाब सिहांवलोकनी दोहा छंद हे,गुरुदेव दिलीप वर्मा जी। बधाई अउ शुभकामना।

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