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Monday, April 23, 2018

बरवै छंद - श्री जगदीश "हीरा" साहू

बरवै छंद - श्री जगदीश "हीरा" साहू

*1. जय हनुमान*

जय  हो  बजरंगी  बल, बुद्धि  निधान।
सबझन मिलके बोलव, जय हनुमान।।1।।

संकट   बाधा    हरही,   प्रभु   बलवान।
राम-नाम    जप-जपके,   बने   महान।।2।।

हावय  उपकारी  जी,  आथे  काम।
महिमा गावय जेकर, प्रभु श्रीराम।।3।।

हवय भरोसा  देवव, प्रभु आशीष।
हाथ  जोड़के  बइठे, हे जगदीश।।4।।

*2. रामभक्त हनुमान*

जय  हो  बजरंगी  बल, बुद्धि  निधान।
राम काज  बर  जनमे,  श्रीे  हनुमान।।1।।

रावण   हरके  सीता,   लंका   जाय।
राम-लखन  बड़ रोये, दुःख सुनाय।।2।।

पार  गये  सागर  के,  तँय  बलवान।
खोजे सीता  ला  अउ,  पाये  मान।।3।।

शक्ति लगे  लछमन ला, सब थर्राय।
उड़ गेये  तुरते  तँय, परवत  लाय।।4।।

संजीवनी  लाय  अउ,  राखे  जान।
राम तोर गुन के बड़, करे बखान।।5।।

तोर सही नइहे प्रभु, कोनो बीर।
सिया राम देखाये, छाती  चीर।।6।।

राम  बसे  कण-कण  मा,  देये  ज्ञान।
कहे राम बिन जिनगी, बिरथा जान।।7।।

करबे  रक्षा   मोरो,   लइका   जान।
जय हो बजरंगी जय, श्री हनुमान।।8।।

रचनाकार - श्री जगदीश "हीरा" साहू
कड़ार (भाटापारा) छत्तीसगढ़

22 comments:

  1. बहुत बढ़िया रचना
    जय बजरंग बली

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  2. पोथी कहिस सिसक के, पढव किताब
    पाप - पुण्य के देखव, अपन हिसाब।

    बढिया बरवै छंद लिखे हस, जगदीश।

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    1. आभार दीदी, आप सब के प्रेरणा ले ऊर्जा मिलथे

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  3. बहुत बहुत बधाई भईया जी

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  4. बहुत बढ़िया बरवै छंद सिरजाय हव भाई

    बहुत बहुत बधाई शुभकामना

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  5. वाह वाह हीरा भाई। हीरा कस चमकत शानदार बरवै छन्द सृजन बर हार्दिक बधाई ।

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  6. बहुत सुग्घर अउ लाजवाब बरवै छंद हे,हीरा भाई। सादर बधाई ।

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  7. बहुत सुग्घर रचना भैयाजी।सादर बधाई

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  8. बहुत सुग्घर रचना भैयाजी।सादर बधाई

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  9. बहुत सुग्घर रचना भैयाजी।सादर बधाई

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  10. गज़ब सुघर रचना भैयाजी।सादर बधाई

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  11. गज़ब सुघर रचना भैयाजी।सादर बधाई

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  12. बहुते सुघ्घर भैया

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