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Tuesday, July 31, 2018

छन्न पकैया छंद-श्रीमति आशा आजाद

*छत्तीसगढ़ी रोटी पीठा*

छन्न  पकैया  छन्न   पकैया,खई  खजानी  जानौ।
किसम किसम के रोटी पीठा,हमर राज के मानौ।।

छन्न  पकैया  छन्न  पकैया,लाटा  सबला  भाये।
गुड़ के सँग मा अमली डालौ,चाट-चाट सब खाये।।

छन्न  पकैया  छन्न  पकैया,चटनी  मा खा चीला।
बेसन के कड़ही सब खालौ,दिखँय पीला पीला।।

छन्न   पकैया   छन्न   पकैया,चाउँर  अरसा   खालौ।
अब्बड़ गुलगुल मीठा लागँय,गुन ओखर सब गालौ।।

छन्न  पकैया  छन्न पकैया,अंगाकर ला जानौ।
परसा पाना ले बन जाथे,एखर गुन ला मानौ।।

छन्न पकैया छन्न पकैया,स्वाद फरा के जानौ ।
नून  दूध  मा   एहा  बनथे, नून-चूरहा  मानौ।।

छन्न  पकैया  छन्न  पकैया,उरिद  दार मा बनथे।
बरा सबो ला अब्बड़ भावय,जम्मो ऐला चखथे।।

छन्न    पकैया   छन्न    पकैया, बोरे   बासी   खालौ।
सुरुट-सुरुट सब पीलव पसिया,मिरचा बुकनी डालौ।।

छन्न  पकैया  छन्न  पकैया,दही  मही  ला  जानौ।
अम्मटहा मा कांदा भावँय,अबड़ मजा मा खालौ।।

छन्न  पकैया  छन्न  पकैया,अरसा रोटी चखलौ।
गुड़ के सँग मा पाक धरँय जी,गांठ बाँध के धरलौ।।

छन्न  पकैया  छन्न  पकैया,इहाँ  ठेठरी  बनथे ।
बेसन के बन जाथे पातर,ठुठरुम एहा बजथे।।

रचनाकार-श्रीमति आशा आजाद
पता-एसइसीएल मानिकपुर कोरबा( छ.ग)

6 comments:

  1. बड़ सुघ्घर छन्न पकैया।
    'गुड़ के सँग' वाले दूनों लाइन ल एक बार देख लव।

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    1. हौ बहिनी मा हा छूटे हे,धन्यवाद

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  2. छन्न पकइया छन्न पकइया, जल्दी झन लिख मारौ।
    सूत्र सही बइठावव पहिली, फेर इहाँ जी डारौ।।
    छन्न पकइया छन्न पकइया, मोरो सँग हो जावय।
    गुरुवर हमर मयारुक भैया, तहाँ बहुत समझावय।।
    बहिनी के सुग्घर प्रयास... बधाई उनला

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    1. आपमन ला सादर आभार आदरणीय

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  3. वाह्ह्ह वाह्ह्ह दीदी

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