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Friday, October 12, 2018

बरवै छन्द - आशा देशमुख

बरवै छंद

आये हे नवराती ,दीया बार।
पारँव तोर दुवारी ,मँय गोहार। 1।

दुख पीरा ला हरदे ,दाई मोर।
बइठे हँव मँय दाई ,शरण म तोर।2।

दे दे दाई मोला ,अँचरा छाँव।
तोर नेवता पाके ,दँउड़त आँव।3।

तिहीं रचाये दाई ,ये संसार।
तोर मया बोहावय ,अमरित धार।4।

तँय दाई हम लइका ,आवँन तोर।
तोर दया के सागर ,करय हिलोर।5।

तोर कृपा से जागय ,सबके भाग।
कोंदा ला भी मिलथे ,वाणी राग।6।

कइसे तोरे महिमा ,करँव बखान।
सर्व शक्ति तँय दाई ,दे वरदान। 7।

छन्दकार - आशा देशमुख,
एन टी पी सी कोरबा

14 comments:

  1. सादर आभार नमन गुरुदेव

    आपके कृपा के आभारी हँव

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  2. बहुत ही सुन्दर रचना दीदी

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  3. बहुत ही सुन्दर रचना दीदी

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  4. बहुत बढ़िया रचना हे बहिन जी ।

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    1. अशोक धीवर जलक्षत्री तिल्दा नेवरा

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    2. बहुतेच बढ़िया दीदी

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  5. अब्बड़ सुग्घर रचना दीदी जी।

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  6. बहुत बढ़िया रचना दीदी जी बधाई हो

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  7. सुग्घर बरवै छंद दीदी बधाई💐💐👌

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  8. बहुतेच सुग्घर बरवै छंद दीदी
    जय माता दी

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