Followers

Monday, October 14, 2019

छप्पय छंद-महेंद्र कुमार बघेल

छप्पय छन्द :- महेंद्र कुमार बघेल
*स्वच्छ भारत अभियान*
1.
सँउहत आगे काल, जहर बगरावत झिल्ली|
कुहरत धरती हाय,उड़ा झन येकर खिल्ली|
गरम दार अउ चाय,सनपना में मत झोंकव|
होथे रोग असाध, यहू अलहन ला रोकव|
धरती बंजर होय झन, कुछ तो करव उपाय जी|
साफ हवा पानी सबो, जीव जन्तु मन पाय जी|
2.
झिल्ली कचरा संग, सबो ला झोंकय घुरवा|
अनमनहा हे खेत,उपज हा होवय ढुरवा|
पतरी पाउच प्लेट,जउन भक्कम बेचाथे|
धरती जल आकाश, सबो के ताव बढ़ाथे|
छोड़व झिल्ली मोह ला,शरण पेंड़ के जाव जी|
आदत अपन सुधार के, खेती खार बचाव जी।
3.
फइसन बीच बजार, बढ़े पन्नी के  नखरा|
अलहन तीर बलाय, सरे नइ येकर कचरा|
इहाँ उहाँ फटकाय, सड़क मा बगरे रहिथे|
नाली हा बोजाय, बास ला तन हा सहिथे|
हद ले जादा बउर झन, होथे जी के काल जी|
चुप ले आके रोग हा,करथे बारा हाल जी|

4.
फेंके पतरी प्लेट, उड़त रहिथे परिया मा|
धरसा रद्दा तीर,अउर डबरी तरिया मा|
बउरल रद्दी ताय, समझ के आगी ढिलथे|
होथे हवा खराब, साँस मा धुँगिया मिलथे|
सबो सुवारथ छोड़ के, करले चिटिक नियाव जी|
अंतस ला तँय पूछ ले, करही कोन हियाव जी|

5.
कातिक अगहन पूस, ठंड ला धरके आवय|
बिहना धुँधरा छाय,घाम हा गजब सुहावय|
जंगल होगे साफ, कटा गे परसा मउहा|
गिरे नहीं अब शीत, जाड़ के नइहे दउहा|
बढ़त उमस अउ ताव हा, जमे बरफ टघलाय झन|
तीर तार के जम्मो शहर ,सागर मा बुड़ जाय झन|

6.
जंगल नदी पहाड़ ,सबो मा आँखी गड़गे|
चूस डरिन भरमार, तभो नोचे बर अड़गे|
खोदत अंधाधुंध, नदी के रेत चटागे|
रोपल सफ्फो पेड़,बिना पानी सठरागे|
अब कुदरत ला छेड़ के, जादा लाहव लेव झन|
जिनगी के मझधार मा,डोंगा उल्टा खेव झन|

7.
मोटर गाड़ी ताय,जउन हा सरपट चलथे|
जले तेल पेट्रोल,हवा ला दूषित करथे|
गजब माहँगी आय,तभो ले सँउक बुताथे|
गाड़ी नवा खरीद,सड़क मा अबड़ कुदाथे|
घर मा राखव सायकिल,तीर तार मा जाय बर|
बढ़त प्रदूषण थाम लव,अच्छा सेहत पाय बर|

8.
जैविक कचरा छाँट, अपन घुरवा मा डारव|
झिल्ली अलग सकेल,कभू आगी मत बारव|
बनथे कई समान, फेर ये बउरल झिल्ली|
होय उचित निपटान, उड़य झन ककरो खिल्ली|
हमर बदलही सोच हा, होही नवा बिहान जी|
स्वच्छ भारत के सबो, सच होही अभियान जी|

छन्दकार:- महेंद्र कुमार बघेल डोंगरगांव,राजनांदगांव, छत्तीसगढ़

7 comments:

  1. बड़ सुग्घर सन्देशपरक छप्पय छंद,बधाई

    ReplyDelete
  2. शानदार छ्प्पय छंद सर

    ReplyDelete
  3. शानदार सर जी हार्दिक बधाई

    ReplyDelete
  4. बहुत सुंदर विषय,स्वच्छता अउ प्रदूषन ऊपर बढ़िया रचना

    ReplyDelete
  5. बहुत बढ़िया विषय चयन अउ लेखन।हार्दिक बधाई अउ शुभकामना ।

    ReplyDelete
  6. वाह सुग्घर सृजन।हार्दिक शुभकामनाएं

    ReplyDelete
  7. सुग्घर सृजन।हार्दिक शुभकामनाएं

    ReplyDelete