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Sunday, October 20, 2019

हेमलाल साहू के छप्पय छंद

हेमलाल साहू के छप्पय छंद
लहू
करलव बढ़िया दान, लहू के तुम सँगवारी।
तन मन फरियर होय, नही आवय बीमारी।।
दया मया के संग, बचा कतको जिनगानी।
करलव बढ़िया दान, करव झन आना कानी।।
दान लहू के कर सँगी, करले नेकी काम ला।
दानी कहिथे जग सँगी, तोर सदा ले नाम ला।।

करवा चौथ
रहिथे करवा चौथ, मोर ओ सुघ्घर बाई।
करथे पूजा पाठ, सुमर के करवा दाई।।
निर्जल रहे उपास, सदा हे मात सहाई।
चंदा जल्दी आँव, आज करहूँ ग भलाई।।
करवा दाई भूल ला, माफी देहू आज ओ।
हमला दे आशीष ला, पूरन करहूँ काज ओ।

महँगाई
बड़गे हावय दाम, जिनिस मन के सब भाई।
रोवत हावय आम, देख आँखी महँगाई।।
तरसावत हे प्याज, टमाटर सँग मा गोभी।
करथे कोटा आज, जमाखोरी अउ लोभी।।
जनता  बैठे हाथ धर, लोभी लाभ कमाय ला।
चुप बैठे सरकार हा, भाव जिनिस मन खाय ला।।
-हेमलाल साहू
ग्राम गिधवा, पोस्ट नगधा
तहसील नवागढ़, जिला बेमेतरा

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