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Thursday, October 17, 2019

छप्पय छंद---चोवा राम 'बादल'

छप्पय छंद---चोवा राम 'बादल'

       1  जिनगानी

करबे झन  अभिमान , चार दिन के जिनगानी।
 चारे दिन के आय , चकाचक रूप जवानी।
 धन दौलत पद मान, तोर ए कुटुम कबीला।
 माया बँधना आय , पाँव मा गड़थे खीला ।
 नइ उतरत लागय देर जी, नदिया के पूरा चढ़े।
 फट ले जाथे गा फूट ए,  माटी के काया गढ़े ।

         2 पुन्नी रात

   सुग्घर  पुन्नी रात, चँदैनी हावय छटके।
 चातक के मन आज, हवय चंदा मा अटके।
  टपकत अमरित बूंद, शीत मा  जगत नहाये।
   बरसा गे हे भाग ,शरद जब ले हे आये।
 सुरता आथे बात वो ,द्वापर युग के रास के।
 राधा मोहन के मिलन, जमुना निधिवन खास के।

     3   दसेरा

  मन के रावण मार, दसेरा चलौ मनाबो।
 दस ठन भरे विकार, सबो ला जोर जलाबो ।
  अहंकार अउ क्रोध ,हवय गा बड़का बैरी।
  इरखा माया मोह , मताथें रोज्जे गैरी।
  परब हमर ए दशहरा, होही तब फुरमान जी।
 परमपिता प्रभु राम हा, देही बड़ वरदान जी ।

    4  प्लास्टिक छोड़

 घातक प्लास्टिक छोड़, धरौ कपड़ा के झोला ।
 झिल्ली भरे समान, रोग ले आथे चोला।
 पशु जब एला खाय ,पेट फूले मर जाथे ।
बंजर होथे  खेत, जाम नाली बस्साथे।
  बउरे मा नुकसान हे,  झिल्ली बड़ शैतान हे ।
 अबड़ कीमती जान हे , धोखा  मा इंसान हे ।


      5   सीमेंट बन जा

 बन जा तैं सीमेंट ,जोड़ दे ईंटा पखरा।
 बन के भारी बीर, चाल झन फोकट अखरा ।
 सब ले नाता टोर, परे अलगे रइ जाबे ।
 देख मया ला बाँट, मया उपराहा पाबे।
 नव के रुखुवा केंवची, सहि जाथे तूफान ला।
 होना चाही गा नरम , ओइसने इंसान ला ।

      6  उपदेश

 झाड़े बर उपदेश, काम काला नइ आही।
खुद अपना के देख ,फायदा तभे बताही ।
 दिखही सूरत आन, मुखौटा कहूँ लगाये।
 ढोंगी बन के संत,अबड देथे भरमाये।
 धरम करम के बात जे, करत रथे दिन रात जी।
 पढ़ के वेद पुरान ला, हवय सिरिफ समझात जी।


चोवा राम 'बादल '
हथबन्द, छत्तीसगढ़

74 comments:

  1. बहुत सुन्दर गुरुदेव जी सादर नमन

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  2. सुग्घर सृजन गुरुजी प्रणाम

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  3. बहुत सुंदर रचना गुरुजी
    बधाई हो

    महेन्द्र देवांगन माटी

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  4. उत्कृष्ट अउ उँचाई लिऐ सभ्फो छप्पय ह हवे गुरुदेव सादर प्रणाम ।।

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  5. बहुत ही शानदार अउ उत्कृष्ट सृजन गुरुदेव ।सादर प्रणाम सहित हार्दिक बधाई ।

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  6. अब्बड़ सुघ्घर रचना गुरुदेव,सादर प्रणाम

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  7. वाह गुरुदेव... बहुत सुग्घर, संदेशपरक छंद रचे हव...बहुत बधाई आप ला

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  8. लाज़वाब छप्पय छंद भैया...
    वाहहहहहह....
    👏👏👏👏🌹🌹🌹🙏🙏🙏🌹🌹🌹

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  9. गजब के छप्पय छंद गुरूजी वाहह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्

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  10. बिकट सुग्घर छप्पय छंद गुरुदेव,
    सादर प्रणाम

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  11. संदेशपरक छप्पय छंद बादल भैया जी।बधाई

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  12. Replies
    1. धन्यवाद जितेंद्र भाई जी।

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  13. अंतस मा पोह गय गुरुदेव अनुपम रचना, अलग अलग उदाहरण जीवन बर सीख हमन ला देवथे ।सादर प्नणाम ,बहुत बहुत बधाई।

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  14. सर जी प्रणाम बहुत ही प्रेरणादायक संदेश परक रचना बहुत बहुत बधाई हो सर जी

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  15. सर जी प्रणाम बहुत ही प्रेरणादायक संदेश परक रचना बहुत बहुत बधाई हो सर जी

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  16. बहुत सुघ्घर छप्पय सृजन भैया जी

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  17. बहुत-बहुत सुन्दर रचना के लिये गुरूदेव को हार्दिक शुभकामनाएं ।
    अजय उपाध्याय प्रदेश अध्यक्ष वरिष्ठ शिक्षा कर्मी संघ छत्तीसगढ़

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    1. हार्दिक आभार आदरणीय उपाध्याय जी।

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  18. गजब सुग्घर गुरुदेव। सादर प्रणाम

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    1. धन्यवाद आदरणीय ज्ञानु भाई जी।

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  19. गजब सुग्घर गुरुदेव। सादर प्रणाम

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  20. आप अउ आपके रचना ला नमन गुरुदेव

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  21. आप अउ आपके रचना ला नमन गुरुदेव

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  22. आप अउ आपके रचना ला नमन गुरुदेव

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  23. Bahut hi sunder rachana sir ji bahut bahut badhai ho

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    1. प्रोत्साहन के लिए हार्दिक आभार आपका।

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  24. बहुते बढ़िया सिरजाय हौ सर, प्रणाम हे आपल

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  25. बहुत ही सुग्घर, आदरणीय गुरुदेव

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  26. उत्कृष्ट सिरजन छप्पय छंद मा सर जी

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  27. शानदार रचना गुरुजी

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  28. हार्दिक धन्यवाद आदरणीय।

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  29. अनंत बधाई गुरुदेव,आपमन के लेखन शैली देश.बर अनमोल धरोहर हे💐💐👌👍

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    1. सराहना बर हार्दिक आभार आजाद जी।

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    2. हार्दिक आभार आपका।

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  30. सुग्घर रचना आदरणीय

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  31. आपके हर छन्द के शिक्षाप्रद गोठ मोला बड़ निक लागथे
    आपमन अइसे गोठ लिखता जेन बब्बर लागू होथे
    कोनो अतिसैयोक्ति नई रहय आदरणीय
    बिक्कट अकन बधाई
    प्रणाम

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    1. सराहना के शब्द बर बहुतेच धन्यवाद भाई।

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  32. अनुपम सृजन।पढ़ के आनंद आ गे गुरुदेव

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    1. हार्दिक धन्यवाद अहिलेश्वर भाई।

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  33. Very nice Verma sir, you are a versatile genius person carry on we are with you

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  34. सराहना बर आप ला बहुतेच धन्ययवाद।
    Thank you sir.

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  35. आपमन ला अनंत नमन गुरुदेव,उत्कृष्ट सिरजन आपमन के रहिथे👌👌👍💐💐💐

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  36. बहुत बढ़िया बढ़िया छप्पय छंद के रचना होय हे गुरू ।जिनगानी पुन्नी रात दशहरा प्लास्टिक के नुकसान सिमेंट सही बने के प्रेरक प्रसंग सहित सबो विषय मा सुंदर सिरजन। छत्तीसगढ़ी भाखा महतारी के पुजारी होय के प्रमाण हरे छंद साधना अपन भाखा मा। भावपूर्ण ।उत्तम बधाई गुरु।

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    1. हार्दिक आभार आदरणीय चन्द्राकर जी।

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  37. यथार्थ के धरातल ले उपजे आपके सबो छप्पय छंद समाज ला दिशा देवत हे, बहुत बहुत बधाई गुरुदेव

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  38. बहुतेच सुग्घर सिरजन भैया जी

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