Monday, July 6, 2020

कुंडलियाँ छंद- श्री मति चित्रा श्रीवास

कुंडलियाँ छंद- श्री मति चित्रा श्रीवास

पानी बादर देखके,तन मन हा हरषाय।
टप टप टपके बूँद हा,खेत खार भर जाय ।।
खेत खार भर जाय ,झमाझम बरसे पानी ।
सबझन गाये गीत, आय जब बरखा रानी।।
गाँव गली मा शोर, खेत मा चलगे नाँँगर।
होवय बूता काम, गिरत हे पानी बादर

छानी खपरा के हवे,भिथिया माटी आय।
छितकी कुरिया मोर हे,पानी बड़ चुचुवाय।।
पानी बड़ चुचुवाय, रोज तो खटिया भींजय।
कटय नही अब रात, घड़ी ना आँखी मींजय।
टप टप टपके बूँद, रात भर चूहय पानी।
आगे हे बरसात, चुँहत हे खपरा छानी।।

झूमत हावय पेड़ हा, गाना गा लहराय।
करिया बादर देख के,भुइयाँ खुशी मनाय।।
भुइयाँ खुशी मनाय,आय जब बरखा रानी।
अबड़ परे हे घाम, जेठ मा तरसे प्रानी।।
बरखा पानी लाय,जीव के मन ला भावय।
अबड़ खुशी मा देख, पेड़ हा झूमत हावय।।

चित्रा श्रीवास
कोरबा

22 comments:

  1. बहुत बढ़िया चित्रा

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  2. बढ़िया रचना चित्रा ।

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  3. बहुत सुन्दर दीदी जी

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  4. सुग्घर सिरजन दीदी

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  5. बहुत सुंदर छंद रचे हवव आपमन बहुत बधाई

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  6. सुग्घर रचना दीदी

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  7. सुग्घर कुण्डलिया।

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  8. सुग्घर कुण्डलिया।

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  9. बढ़िया, बधाई दीदी

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  10. बहुत सुन्दर दीदी सादर बधाई आपला 👌👌💐💐🙏

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  11. बढ़िया कुंडलियाँ हे बहिनी
    बहुत बहुत बधाई।
    👌👏👍🌹🙏

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