Thursday, June 5, 2025

स्वामी आत्मानंद ***** (आल्हा छंद - कमलेश वर्मा )

 ****स्वामी आत्मानंद *****

(आल्हा छंद - कमलेश वर्मा )


जिला रायपुर के बरबंदा,हाबै जी बड़ पावन गाँव।

जिहाँ अवतरिन बड़का संतन,  जिनकर बगरिस जग भर नाँव।।

लोगन कहिथें अति श्रद्धा ले, उन ला स्वामी आत्मानंद।

जउन धर्म- शिक्षा- सेवा ला, पूरा जिनगी करिन पसंद।।

भाग्यवती अउ धनीराम घर, छै अक्टूबर सन उन्तीस।

उन किसान परिवार मा आके,ऊँचा कर दिन सबके शीश।। 

गांधीवादी घर के लइका,ननपन के जी नाँव तुलेन्द्र।

घरवाले सँग चल दिन उन हा,वर्धा आश्रम सेवा केंद्र।।


आश्रम मा स्वामी जी पाइन, गांधी जी के किरपा छाँव।

जिनगी के सब मर्म सीख के, वापस आइन अपने ठाँव।।

ऊँचा शिक्षा पाये खातिर,करिन नागपुर उन प्रस्थान।

रामकृष्ण आश्रम मा रहिके,करिन पढ़ाई-पूजा-ध्यान।।

एम. एस. सी. टॉपर बनके, कर दिन उन हा बड़का काम।

सिविल परीक्षा मा जब बइठिन, पहला दस मा आइस नाम।।

फेर नौकरी ला ठुकरा के, छोड़ अपन सब घर-परिवार,

त्याग-साधना रसता धर गिन, शहर नागपुर आश्रम द्वार।।


प्रवचन-चिंतन-मनन-अध्ययन, नाँव धरागे अब चैतन्य।

पहुँच हिमालय तेज युवा हा, कर दिन अपने जिनगी धन्य।।

ले दीक्षा सन्यास बनिन हे,उन हा स्वामी आत्मानंद।

लहुटिन अपने जन्मभूमि मा, काट अपन जम्मो भव फंद।।

आश्रम विवेकानंद सुग्घर,करिन रायपुर मा साकार।

चलैं भजन व्याख्यान उहाँ नित, दीन-दुखी के सेवा सार।।

घन जंगल नारायणपुर मा, एक नवा खोलिन संस्थान।।

आश्रम के माध्यम ले होवत, वनवासी मन के कल्याण।।

दुर्घटना हा कारण बनगे, पाइन स्वामी जी निर्वाण।

साठ बछर के जिनगी जी के, करिन काम उन बिकट महान।।


🙏🏾 स्वामी आत्मानंद महाराज की-जय 🙏🏾

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