(1)
कुकुभ छंद-श्रीमती आशा आजाद
अम्बेडकर जयंती
चलँव मनाइन जन्मदिवस ला, शुभ दिन देखौ आये हे।
भीम रंग मा डूबिन सबझन,खुशी गीत ला गाये हे।।
बाबा के बानी हे सुग्घर,समता हमला सिखलावै।
रद्दा सत के देखाइस हे,सत मारग ला बतलावै ।।
बाबा के कुर्बानी अइसन, सुग्घर आज बनाये हे।
शिक्षित होके दय प्रकाश ला,कतका नाम कमाये हे।।।
प्रेम भाव समरसता बरसय,शिक्षित बनौ सिखाये हे।
खुदे अकेला कठिन राह मा,रद्दा नवा दिखाये हे।।
जात पात ले ऊपर लाइस,नेक करम ला जानौ जी ।
छूत भाव ले मुक्त कराइस,ओखर गुन ला मानौ जी।।
भीमराव की बेटी हावँव,जानँव अपने हक लेना ।
नारा हे संघर्ष करौ के, साथ भीम के हे सेना।।
शान बान सब तोरे दम ले, बाबा तँय हा दिलवाये ।
झूम उठिन हे जन्मदिवस मा, भीम रंग हे लहराये।।
शिक्षा के अनमोल रतन ले,कर लौ सब उजियारा जी। विपदा मा सुन पार लगाही,हटही दूर अंधियारा जी।।
रचनाकार-श्रीमती आशा आजाद
पता -मानिकपुर कोरबा छत्तीसगढ़
(2)
दोहा छन्द - बोधन राम निषाद राज
(भीमराव अम्बेडकर)
नेता बड़े महान गा, भीमराव जी नाम।
ऊँच नीच के भेद ला,पाटिस देख तमाम।।
भारत के कानून ला, हाथ लिए वो देख।
सुग्घर नियम विधान हे,संविधान के लेख।।
समरसता समभाव हे, भारत के वो शान।
भीमराव अम्बेडकर, नेता बने महान।।
जाति पाँति के भेद अउ,मिटा दिए व्यभिचार।
भाई चारा मन बसे, प्रेम भाव संसार।
जन-जन मा कानून के,करिन हवै परचार।
बाबा साहब भीम के,होवय जय जयकार।।
रचनाकार:-
बोधन राम निषाद राज
सहसपुर लोहारा,कबीरधाम (छ.ग.)
(3)
लावणी छंद-सुखदेव सिंह अहिलेश्वर
शीर्षक-भीम दिखावत हे अँगरी
परबुधिया पिछलग्गू बनके,अब नइहे भटका खाना।
भीम दिखावत हे अँगरी ला,तेन डहर हावय जाना।
संविधान मा रख के श्रद्धा,संविधान के गोठ करन।
संविधान के नियम धियम ला,जानन खुद ला पोठ करन।
सुमता के धागा ले बुनलन,जिनगी के ताना-बाना।
भीम दिखावत हे अँगरी ला,तेन डहर हावय जाना।
मूल निवासी हम भुँइया के,गड़े नेरुवा पुरखा के।
कभू पेज नुनहा पसिया पी,कभू जिये हन गुर खा के।
अब सुख अपनो घर अँगना मा,लाये बर बाँधन बाना।
भीम दिखावत हे अँगरी ला,तेन डहर हावय जाना।
रचना-सुखदेव सिंह अहिलेश्वर
गोरखपुर कबीरधाम छत्तीसगढ़
कुकुभ छंद-श्रीमती आशा आजाद
अम्बेडकर जयंती
चलँव मनाइन जन्मदिवस ला, शुभ दिन देखौ आये हे।
भीम रंग मा डूबिन सबझन,खुशी गीत ला गाये हे।।
बाबा के बानी हे सुग्घर,समता हमला सिखलावै।
रद्दा सत के देखाइस हे,सत मारग ला बतलावै ।।
बाबा के कुर्बानी अइसन, सुग्घर आज बनाये हे।
शिक्षित होके दय प्रकाश ला,कतका नाम कमाये हे।।।
प्रेम भाव समरसता बरसय,शिक्षित बनौ सिखाये हे।
खुदे अकेला कठिन राह मा,रद्दा नवा दिखाये हे।।
जात पात ले ऊपर लाइस,नेक करम ला जानौ जी ।
छूत भाव ले मुक्त कराइस,ओखर गुन ला मानौ जी।।
भीमराव की बेटी हावँव,जानँव अपने हक लेना ।
नारा हे संघर्ष करौ के, साथ भीम के हे सेना।।
शान बान सब तोरे दम ले, बाबा तँय हा दिलवाये ।
झूम उठिन हे जन्मदिवस मा, भीम रंग हे लहराये।।
शिक्षा के अनमोल रतन ले,कर लौ सब उजियारा जी। विपदा मा सुन पार लगाही,हटही दूर अंधियारा जी।।
रचनाकार-श्रीमती आशा आजाद
पता -मानिकपुर कोरबा छत्तीसगढ़
(2)
दोहा छन्द - बोधन राम निषाद राज
(भीमराव अम्बेडकर)
नेता बड़े महान गा, भीमराव जी नाम।
ऊँच नीच के भेद ला,पाटिस देख तमाम।।
भारत के कानून ला, हाथ लिए वो देख।
सुग्घर नियम विधान हे,संविधान के लेख।।
समरसता समभाव हे, भारत के वो शान।
भीमराव अम्बेडकर, नेता बने महान।।
जाति पाँति के भेद अउ,मिटा दिए व्यभिचार।
भाई चारा मन बसे, प्रेम भाव संसार।
जन-जन मा कानून के,करिन हवै परचार।
बाबा साहब भीम के,होवय जय जयकार।।
रचनाकार:-
बोधन राम निषाद राज
सहसपुर लोहारा,कबीरधाम (छ.ग.)
(3)
लावणी छंद-सुखदेव सिंह अहिलेश्वर
शीर्षक-भीम दिखावत हे अँगरी
परबुधिया पिछलग्गू बनके,अब नइहे भटका खाना।
भीम दिखावत हे अँगरी ला,तेन डहर हावय जाना।
संविधान मा रख के श्रद्धा,संविधान के गोठ करन।
संविधान के नियम धियम ला,जानन खुद ला पोठ करन।
सुमता के धागा ले बुनलन,जिनगी के ताना-बाना।
भीम दिखावत हे अँगरी ला,तेन डहर हावय जाना।
मूल निवासी हम भुँइया के,गड़े नेरुवा पुरखा के।
कभू पेज नुनहा पसिया पी,कभू जिये हन गुर खा के।
अब सुख अपनो घर अँगना मा,लाये बर बाँधन बाना।
भीम दिखावत हे अँगरी ला,तेन डहर हावय जाना।
रचना-सुखदेव सिंह अहिलेश्वर
गोरखपुर कबीरधाम छत्तीसगढ़