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Monday, April 24, 2023

पुस्तक दिवस - हरिगीतिका छंद*

 *पुस्तक दिवस - हरिगीतिका छंद*

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महिमा बतावँव का सखा,पुस्तक हवै बड़ काम के।

जम्मों भराए ज्ञान हे,गीता रमायन नाम के।।

इतिहास देखव खोल के,सुग्घर दिखावै आज जी।

पुरखा जमाना के सबो,पढ़ लौ लिखाए काज जी।।


सरकार के सब काम के,लेखा घलो पुस्तक कथे।

कानून चलथे देश मा,सब नीति मन हा जी रथे।।

कविता कहानी गीत ला,सुग्घर सबो पढ़ लौ बने।

खेती किसानी काम के,रद्दा सबो गढ़ लौ बने।।


सब जानकारी विश्व के,पाथे अबड़ जी ज्ञान ला।

जिनगी बनाथे पढ़ इहाँ,रखथे अपन ईमान ला।।

सब लोक दरशन हा घलो,होथे पढ़े ले आज जी।

होके सबो शिक्षित इहाँ, करथे बने सब काज जी।।

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छंद रचना:-

बोधन राम निषादराज"विनायक"

सहसपुर लोहारा,जिला-कबीरधाम(छ.ग.)

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