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Tuesday, December 19, 2023

अंकल-आंटी*

 *अंकल-आंटी*



अंकल आंटी के चक्कर में,रिश्ता मन सब समटागे जी।

मया प्रीत अउ नता सबो हर,अंग्रेजी मा गुमटागे जी।।

कका बबा मन अंकल होगे,आंटी मामी काकी मन हा,

होत मिंझरा रिश्ता जम्मो,दिखै नही अब अपना पन हा,

बड़े ददा अउ भेद कका के,इन ला अब कोन बतावै जी,

फूफू मौंसी बड़की महतारी, नइ छोटे बड़े चिन्हावै जी,

शब्द भाव सीमित सुक्खा जस,झरना कस सोत अँटागे जी।।

मया प्रीत अउ नता सबो हर.....


भैया भाटो लगे भोरहा, दूनो ला ब्रदर बलावत हे,

बहिनी भउजी ननद घलो तो,देखौ सिस्टर कहलावत हे,

मदर डैड बनगे माँ बाबू,ममता अउ मया सिरावत हे,

परे ओंस रिश्ता मा अइसे,पातर पनछुहा जनावत हे,

उड़त पतंगा आसमान मा,डोरी ला छोड़ कटागे जी।

मया प्रीत अउ नता सबो हर........


हाय हलो अउ बाय बाय मा,मनखे मन हा बउरावत हे,

राम रमौवा चरण वंदना, पढ़ लिख डारिन शरमावत हे,

रखे बाँध के एक डोर मा,हर रिश्ता मा वो ताकत हे,

फेर मान पर के बुध ला,सब ला एक संग हाँकत हे,

आन भाव अउ भाखा आने,संस्कृति हर हमर छँटागे जी।

मया प्रीत अउ नता सबो हर...............


नारायण प्रसाद वर्मा *चंदन*

    ढ़ाबा-भिंभौरी, बेमेतरा (छ.ग.)

      7354958844

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