शोभन छंद (सिंहिका छंद)
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1-
चोर मन धरके खजाना,आज घूँमत खोर।
रेवड़ी फोकट बटे हे, होत सुनलव शोर।
आय हे ऊखर सियानी, बेंच खाइन देश।
देख ले तँय ठग फुसारी,नोचलिन नख केश।।
2-
माफ करजा खुश प्रजा हे, वाह जी सरकार।
थोप गोबर तँय बहन जी, रोकड़ा भरमार।
नौकरी मा का रखे हे, बात सुन वो मोर।
टोपली मा तैंहा सुघर, बीन गोबर जोर।।
कमलेश प्रसाद शर्माबाबू
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