हे गुरुनानक देव
जन्म जयन्ती आज आपके,हे गुरु नानक देव।
कर के शब्द ज्ञान उजियारा,अँधियारा हर लेव।
संवत चउदह सौ उनहत्तर,तिथि पंद्रह अप्रेल।
जन्म जयन्ती कातिक पुन्नी,पावन पबरित मेल।
जन्म भूमि गुरु नानक जी के,तलवंडी हे गाँव।
सिक्ख धर्म के पहिली गुरु मा,गुरु नानक के नाँव।
कातिक पुन्नी पाय हवै जी,गुरु पुन्नी अस नाँव।
ए दिन मैं गुरु ग्रंथ कथे का?पढ़ँव सुनँव बगराँव।
कतको नियम धरम व्रत पूजा,करले टेम कुटेम।
आखिर प्रभु चरनन पाये बर,एक राह हे प्रेम।
भेद भरम पाखण्ड छोड़ दे,बनही बिगड़े काम।
मुख मा नानक,राम बसाले,हिरदे मा सतनाम।
रचनाकार-सुखदेव सिंह अहिलेश्वर
गोरखपुर,कवर्धा छत्तीसगढ़
जन्म जयन्ती आज आपके,हे गुरु नानक देव।
कर के शब्द ज्ञान उजियारा,अँधियारा हर लेव।
संवत चउदह सौ उनहत्तर,तिथि पंद्रह अप्रेल।
जन्म जयन्ती कातिक पुन्नी,पावन पबरित मेल।
जन्म भूमि गुरु नानक जी के,तलवंडी हे गाँव।
सिक्ख धर्म के पहिली गुरु मा,गुरु नानक के नाँव।
कातिक पुन्नी पाय हवै जी,गुरु पुन्नी अस नाँव।
ए दिन मैं गुरु ग्रंथ कथे का?पढ़ँव सुनँव बगराँव।
कतको नियम धरम व्रत पूजा,करले टेम कुटेम।
आखिर प्रभु चरनन पाये बर,एक राह हे प्रेम।
भेद भरम पाखण्ड छोड़ दे,बनही बिगड़े काम।
मुख मा नानक,राम बसाले,हिरदे मा सतनाम।
रचनाकार-सुखदेव सिंह अहिलेश्वर
गोरखपुर,कवर्धा छत्तीसगढ़
सादर प्रणाम।आभार गुरुदेव।
ReplyDeleteवाह्ह्ह वाह्ह्ह उत्कृष्ट रचना सर
ReplyDeleteवाह्ह्ह वाह्ह्ह उत्कृष्ट रचना सर
ReplyDeleteसादर धन्यवाद सर
Deleteवाह वाह सर जी
ReplyDeleteसादर आभार दी
Deleteशानदार भैया जी
ReplyDeleteसादर धन्यवाद खैरझिटिया जी
Deleteशानदार भैया
ReplyDeleteशानदार भैया
ReplyDeleteसादर धन्यवाद इजारदार सर
Deleteबहुत बढ़िया सृजन हे भाई
ReplyDeleteसादर आभार दीदी
Deleteजोरदार गुरुजी
ReplyDeleteसादर आभार देवचरण सर जी
Deleteअनंत बधाई आपमन ला आदरणीय
ReplyDeleteसादर धन्यवाद आजाद जी
ReplyDeleteअनुपम सृजन।
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