संविधान दिवस (26 नवम्बर) के संदेश
भोजन पानी छत अउ छानी। मान मया शिक्षा जिनगानी।।
वंचित जन के करुण कहानी। का मरहम का चोट निशानी।।
बाँचे सपना आनी-बानी। का का हे?जल्दी पहिचानी।।
आवव हम सब मन मा ठानी। करबो पागा बाँध सियानी।।
छन्दकार - श्री सुखदेव सिंह अहिलेश्वर
गोरखपुर,कवर्धा छत्तीसगढ़
भोजन पानी छत अउ छानी। मान मया शिक्षा जिनगानी।।
वंचित जन के करुण कहानी। का मरहम का चोट निशानी।।
बाँचे सपना आनी-बानी। का का हे?जल्दी पहिचानी।।
आवव हम सब मन मा ठानी। करबो पागा बाँध सियानी।।
छन्दकार - श्री सुखदेव सिंह अहिलेश्वर
गोरखपुर,कवर्धा छत्तीसगढ़
सादर आभार प्रणाम गुरुदेव
ReplyDeleteवाह्ह्ह वाह्ह्ह सरजी
ReplyDeleteसादर धन्यवाद सर
Deleteवाहःहः बहुत बहुत बधाई सुखदेव भाई
ReplyDeleteउत्कृष्ट शब्द मन से सजे उत्तम सृजन
वाहःह सुखदेव भैया जी
ReplyDeleteसादर धन्यवाद सर
Deleteअति सुंदर,संविधान दिवस की बधाई!!
ReplyDeleteसादर धन्यवाद गुरुजी
Deleteबधाई हो भाई💐👌
ReplyDeleteसादर धन्यवाद दीदी
Deleteशानदार रचना हे, सुखदेव, तोला बहुत बहुत बधाई हे भाई .....
ReplyDeleteकरबो पागा बाँध सियानी । वाह वाह वाह..। का बात हे..।
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