Followers

Tuesday, October 15, 2024

घरेलू नुस्खा-दोहा छंद

 घरेलू नुस्खा-दोहा छंद 


मेथी बीजा ला भिगो, बड़े बिहनिया खाव।

रामबाण हे पेट बर, दुरिहा कब्ज भगाव।।


हरड़ बहेड़ा आँवला, तीनों पीस मिलाव।

सर्दी खाँसी जब लगे, चम्मच भरके खाव।।


सर्दी धर ले हे कहूँ, नाक बंद हो जाय।

अजवाइन ला सेंक के, सूँघव तो खुल आय।।


फोड़ा फुंसी होय तब, संगी झन डर्राव।

अजवाइन ला पीस के, नींबू संग लगाव।।


अलकर लागय पेट तब, जीरा फाँका मार।

गुनगुन पानी पी तभे, भागय गैस विकार।।


अदरक मा मधुरस मिला, खाँसी जब हो जाय।

कफ नाशक हे जान लव, श्वास फाँश दुरिहाय।।


दही दूध अउ घीव हा, तन बर हे वरदान।

भोजन मा शामिल करव, अमरित येला जान।।


दतवन करलव नीम के, कहिथे हमर सियान।

भागय दंत विकार हा, सार बात लव जान।।


दतवन चाब बबूल के, छाला दूर भगाय।

दरद मसूड़ा के घलो, जड़ ले तको मिटाय।।


गाजर रस मा आँवला, ढक्कन एक मिलाव।

खून बने भरपूर अउ, आँखी ला उजराव।।


काफी डोडा चाय हा, तन बर हे नुकसान।

झन पीयव गा जान के, पाचन बर हैवान।।


गुणकारी तुलसी हरे, सेवन जे कर जाय।

वात पित्त कफ दूर कर, सेहत स्वस्थ बनाय।।


जूस करेला के जउँन, पीथे बारह मास।

दूर भगे मधुमेह हा, दवई येहर खास।।


दो फोरी लहसुन भला, जेहर खावय रोज।

बी पी हा तन ले भगे, सादा लेवय भोज।।


खाके भोजन बाद मा, गुड़ के डल्ली खाय।

पाचन बर हे काम के, कभू डकार न आय।।


कैंसर रोधी प्याज हे, पोषक तत्व समाय।

भरे फाइबर खूब हे, लू ले तको बचाय।।


हल्दी गुण के खान हे, हवै फायदेमंद।

बूटी येला जान लव, एंटी कैंसर कंद।।


शक्कर जादा खाय ले,बीमारी घर आय।

जमे लिवर मा फेट हा, लेवल शुगर बढ़ाय।।


शहद मिला के दूध पी, होबे तहूँ निरोग।

बढ़ही ताकत अउ उमर, जीवन मा सुखभोग।।


मैदा सेहत बर इहाँ, सिरतोन खतरनाक।

गैस कब्ज के रोग हा, तन ला धरे लपाक।।


कमी नमक के होय ले, बढ़थे कोलेस्ट्रॉल।

जादा खाबे ते कहूँ, बी पी तन मा पाल।।


हरियर -हरियर दूब ला, महाऔषधी मान।

लिवर कब्ज उपचार मा, करथे संत सुजान।।


पीस दालचीनी बने, आधा चम्मच खाव।

शहद मिला सेवन करव, खाँसी दस्त भगाव।।


सौंफ हींग के फायदा, कतका हावय जान।

येकर सेवन ले घलो, वजन होय कम मान।।


मालिश सरसों तेल ले, जोड़ दरद आराम।

खुजली फुंसी के घलो, करथे काम तमाम।।


रूसी मुड़ मा होय जब, नरियर तेल लगाव।

कील मुहांसा हा भगे, त्वचा घलो उजराव।।


बेसन नींबू अउ शहद, पानी संग मिलाव।

सुग्घर पाहू रूप ला, मुख मा लेप लगाव।।

विजेन्द्र कुमार वर्मा 

नगरगाँव (धरसीवाँ)

No comments:

Post a Comment