बरवै छंद(12-7मात्रा) - श्रीमती वसंती वर्मा
🌷🌷पुन्नी के चंदा🌷🌷🌷
पुन्नी के चंदा हर,बरय अँजोर ।
नाचत देखय ओला,आज चकोर।।
सोला करे सिंगार ,चंदा आय ।
जेहर देखय ओला,मन ला भाय।।
अमरित लेके चंदा,बरसे आय ।
छानी परवा दाई,खीर मढ़ाय ।।
धान ओरमे बाली,अमरित पाय ।
पुन्नी शरद म सुघ्घर, रात नहाय ।।
भुइयाँ महतारी के ,पाँव पखार ।
आगे बेटी लछमी,घरे हमार ।।
रचनाकार - श्रीमती वसंती वर्मा
बिलासपुर, छत्तीसगढ़
बहुत सुग्घर रचना दीदी।सादर बधाई
ReplyDeleteवाह्ह्ह्ह्ह् दीदी सुग्घर रचना
ReplyDeleteलाजवाब बरवै छंद ,दीदी।बधाई अउ शुभकामना हे
ReplyDeleteलाजवाब बरवै छंद बर बधाई।
ReplyDeleteलाजवाब बरवै छंद बर बधाई।
ReplyDeleteबरय अँजोर नहीं रे - " करय अँजोर ।"
ReplyDeleteबरय अँजोर नहीं रे - " करय अँजोर ।"
ReplyDeleteबहुत बढ़िया दीदी
ReplyDeleteबड़ सुग्घर।
ReplyDeleteवाह, सुग्घर बरवै छन्द
ReplyDeleteसुग्घर रचना दीदी।बधाई
ReplyDeleteबहुते सुघ्घर सृजन हे दीदी
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