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Sunday, October 22, 2017

कज्जल छंद - श्री मनीराम साहू "मितान"

कज्जल छंद - श्री मनीराम साहू "मितान"

करले संगी लहू दान।
मिलही नँगते पुन्य जान।
अबड़े होही तोर मान।
बात मान गा तैं मितान।

मन मा बइठे डर निकाल।
भरम रोग झन पोस पाल।
नइ बिगड़य गा तोर हाल।
लगय नही अउ देख भाल।

थोकन तो ले तैं बिचार।
हिरदे ला गा अपन झार।
साफ रही तन लहू धार।
परच नही तैं झट बिमार

झन बतिया गा तीन पाँच।
सच काहत हँव बात जाँच।
जाही ककरो जीव बाँच।
नइ आवय तन चिटिक आँच।

रचनाकार - श्री मनीराम साहू "मितान"

16 comments:

  1. वाह मनीराम जी, सुग्घर कज्जल छन्द

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  2. सुग्घर संदेश मितानजी बधाई

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  3. सुग्घर संदेश मितानजी बधाई

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  4. वाह्ह्ह वाह्ह् "मितान" सर जी।
    बहुत बहुत बधाई।

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  5. लहू दान बर प्रेरणा देवत सुग्घर कज्जल छंद,मनीराम भैया।बधाई।

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  6. बहुँत सुग्घर कज्जल छंद मनीराम जी।बधाई।

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  7. करले संगी लहु दान बहुत सुघ्घर कज्जल छंद मनी भाई बधाई

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  8. बहुतेच सुग्घर कज्जल छंद बर मनी जी ला हार्दिक बधाई।

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  9. बहुत सुग्घर कज्जल छंद मा रचना सर।सादर बधाई

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  10. बहुत सुग्घर कज्जल छंद मा रचना सर।सादर बधाई

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  11. वाह्ह्ह्ह्ह् मनी भइया सुंदर संदेश देत सुग्घर रचना

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  12. वाह जानदार शानदार कज्जल,

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  13. जोरदार मनीराम भैया

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  14. आप सब ला धन्यवाद आभार

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  15. वाह मितान
    बहुत सुन्दर कज्जल छंद

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