आज किसान दिवस मा जम्मों किसान मन ला अउ पूर्व प्रधानमंत्री आद0 चौधरी चरण सिंह जी ला सुरता करत मोर ये रचना🙏🙏🙏
किसान--- दोहा छंद
सबके मीत किसान तँय, बोथस गेहूँ धान।
धुर्रा माटी तन लगे, इही हावय पहिचान।।
लकर- धकर बूता करै, धूप रहय या छाँव।
महिनत हावय संग मा, कभू थकय ना पाँव।।
पागा कलगी शान हे, माटी तोर मितान।
नाँगर बइला संग मा, जावय खेत किसान।।
भूख-प्यास तैंहा सहे, अउ सहथस जी घाम।
धनहा- डोली खेत हे, करथस खेती काम।।
कहिथें तोला सब इहाँ, भुइयाँ के भगवान।
हे किसान मन के सदा, करथे जग गुणगान।।
मुकेश उइके "मयारू"
ग्राम- चेपा, पाली, कोरबा(छ.ग.)
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