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Thursday, December 26, 2024

किसान--- दोहा छंद

 आज किसान दिवस मा जम्मों किसान मन ला अउ पूर्व प्रधानमंत्री आद0 चौधरी चरण सिंह जी ला सुरता करत मोर ये रचना🙏🙏🙏



किसान--- दोहा छंद  



सबके मीत किसान तँय, बोथस गेहूँ धान।

धुर्रा  माटी  तन  लगे,  इही हावय पहिचान।।


लकर- धकर बूता करै,  धूप रहय या छाँव।

महिनत हावय संग मा, कभू थकय ना पाँव।।


पागा कलगी शान हे,  माटी तोर मितान।

नाँगर बइला संग मा, जावय खेत किसान।।


भूख-प्यास तैंहा सहे, अउ सहथस जी घाम।

धनहा- डोली खेत हे,  करथस खेती काम।।


कहिथें तोला सब इहाँ, भुइयाँ के भगवान।

हे किसान मन के सदा, करथे जग गुणगान।।



मुकेश उइके "मयारू"

ग्राम- चेपा, पाली, कोरबा(छ.ग.)

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