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Tuesday, March 8, 2022

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस विशेषांक





 

शंकर छंद-खैरझिटिया


महतारी कोरा मा लइका,खेल खेले  नाच।

माँ के राहत ले लइका ला,आय नइ कुछु आँच।

दाई दाई काहत लइका,दूध पीये हाँस।

महतारी हा लइका मनके,हरे सच मा साँस।


करिया टीका माथ गाल मा,कमर करिया डोर।

पैजन चूड़ा खनखन खनके,सुनाये घर खोर।

लइका के किलकारी गूँजै,रोज बिहना साँझ।

महतारी के लोरी सँग मा,बजै बाजा झाँझ।


धरे रथे लइका ला दाई,बाँह मा पोटार।

अबड़ मया महतारी के हे,कोन पाही पार।

बिन दाई के लइका के गा,दुक्ख जाने कोन।

दाई हे तब लइका मनबर,हवे सुख सिरतोन।


जीतेन्द्र वर्मा"खैरझिटिया"

बाल्को(कोरबा)

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: *नारी महिमा - हरिगीतिका छंद*

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नारी जनम भगवान के,वरदान हावै मान लौ।

देवी बरोबर रूप हे,सब शक्ति ला पहिचान लौ।।

दाई  इही  बेटी   इही, पत्नी   इही  संसार मा।

अलगे अलग सब मानथे,जुड़थे नता ब्यौहार मा।।


नारी बिना मनखे सबो,होवय अकेला सुन  सखा।

परिवार सिरजय संग मा,तब होय मेला सुन सखा।।

अँगना  दुवारी  रोज के, नारी करै श्रृंगार जी।

सब ले बने करके मया,लावै सरग घर द्वार जी।।


नारी अहिल्या रेणुका,अउ राधिका सुख कारिणी।

सीता इही गीता इही,लक्ष्मी इही जग तारिणी।।

पूजा जिहाँ होथे इँखर,भगवान के छइँहा रथे।

सम्मान नारी के करौ,सुख घर दुवारी आ जथे।।

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बोधन राम निषादराज"विनायक"

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*दोहा छंंद*

*नारी*

जुलुम करौ झन गा तुमन, नारी गुन लौ जान।

शान हवय जी देश के, एकर कर लौ मान।। 


होथे शक्ति अपार गा, नारी नइ कमजोर।

बड़का करथे काम गा, जग मा होथे शोर।। 


नारी ला तैं झन सता, मया करे ला जान।

रखथे दू परिवार के, नारी हा सम्मान ।। 


होत बिहिनिया उठ करय, घर के बूता काम।

देखभाल नारी करय, देवय सब आराम।। 


बेटी-बहिनी अउ बहू, दाई कभू कहाय।

कई रूप नारी धरे, घर के काम बनाय।।

*अनुज छत्तीसगढ़िया*

 *पाली जिला कोरबा*

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हे देवी अवतार, नारी ला सम्मान दव।

इँखरे ले घर द्वार, इँखरे ले दुनिया चलय।।


का बरसा का धूप, दुख पीरा सहिथे गजब।

त्याग तपस्या रूप, दया मया बाँटय सदा।।


सदा नवावव शीश, नारी के सम्मान बर। 

करथे तब जगदीश, मनवांछित पूरा हमर।।


गावय बेद पुरान, नारी के महिमा सदा। 

ऋषि मुनि अउ भगवान, पार कहाँ पाथे इँखर।।


करव सदा सम्मान, बेटी बहिनी के तुमन।

सँउहे गा भगवान, हावय दाई रूप मा।।


धरे हाथ मा हाथ, हरपल जीवनसंगिनी।

देथे सहिके साथ, कतको दुख पीरा रहय।।


ज्ञानु


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*नारी  के महिमा*

(त्रिभंगी छंद)



  हिरदे मा ममता ,सब बर समता ,अँचरा मा सुख , छाँव रहै।

 गुन ला सब गावै, माथ नवावै , जग महतारी , बेद कहै।

 ओ हर ए नारी, महिमा भारी , बेटी बहिनी, रूप धरै । 

लाँघन तक रहि के ,विपदा सहि के ,बाँटत कौंरा , दुःख हरै।1


 जग ला निक शिक्षा ,अगिन परीक्षा, देथच माता, बखत परे।

 दुर्गा बन जाथच,  लाश बिछाथच ,काली चंडी, रूप धरे। 

सावित्री मइँया ,तैं अनुसुइया , मातु जसोदा, आच तहीं ।

हे विश्व मोहिनी करौं सुमरनी, तैं अबला अच ,नहीं नहीं ।2


चोवा राम 'बादल '

हथबंद, छत्तीसगढ़

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 मनीराम साहू: नारी


नइहे कोनो अबला अब गा, सबला जम्मो नारी हें।

शारद लछमी दुरगा काली, शक्ति रूप अँवतारी हें।


कोनो नइहें पाछू संगी, चलँय खाँध जोरे-जोरे।

सबो काम मा रइथें आगू, नइ सोंचयँ जादा थोरे।


लड़त हवँय बइरी ले देखव, मेड़ो मा ताने सीना।

करत हवयँ मिलके रखवारी, डरँय नही मरना जीना।


उड़त हवँय आगास देख लव, नँगत शक्ति हे नारी के।

रँधनी ले अब बाहिर आके, गढ़ँय बाट बढ़वारी के।


नाम करत हें अपन देश के, ओमन पद बड़का पाये।

लगथे जेहा हवय असंभव, संभव करके देखाये।


मनीराम साहू 'मितान'

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मीता अग्रवाल: नारी 


मै नेह सुधा के रस धारा, बोहाथवअमरित धारा ।

लज्जा  करुणा ममता सागर,

गुनगान करय जग सारा।।


सबो विपत ले टकराथव मै,

बनथव रणचंडी काली।

झटकुन विपदा टर जाथे जी

नारी होवय बलशाली।।


बिना बाप के अपन अकेल्ला

पालय पोषय बड भारी।

वन मा छोडिस रामचन्द्र ह 

लव कुश के पालनहारी।।


शक्ति स्वरूपा गढ़े विधाता, 

सृष्टि के सिरजन हारी।

अतका महिमा गुण ला गाथे,

शान हवे भारत नारी।।

डाॅ मीता अग्रवाल मधुर रायपुर छत्तीसगढ़

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कुण्डलिया- अजय अमृतांशु


नारी तँय नारायणी, तँय ममता के रूप।

देवी तँय सौंदर्य के, सहस छाँव अउ धूप।।

सहस छाँव अउ धूप,जगत जननी कहलाथस।

बेटी बहिनी मातु, अबड़ तँय रुप मा आथस।

कहिथें जग के लोग, तहीं हर पालनहारी।

घर हा सरग कहाय,रहय जब घर मा नारी।।


अजय अमृतांशु

भाटापारा (छत्तीसगढ़ )

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विश्व महिला दिवस के गाड़ा गाड़ा बधाई

 मनहरण घनाक्षरी

*महतारी*

कतका सहिथे भार, मया दहरा अपार, 

महतारी के करजा, छूट सकें कोन हे। 

गढ़थे वो हा संस्कार, कभू नइ मानै हार, 

कतका हे उपकार, बात सिरतोन हे।। 

छाती बहै दूध धार, कोनों नइ पावै पार, 

कोरा मा हे सुखधाम, चारों धाम गोन हे। 

उँकर ले पहिचान, पाथन जी वरदान, 

कभू मुरचाय नहीं, खरा खरा सोन हे।। 

विजेंद्र वर्मा

नगरगाँव  (धरसीवाँ)

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शोभमोहन श्रीवास्तव: *नारीशक्ति बर घनाक्षरी*


*परबतिया ला देखौ शंभू मेर चेंध चेंध*

*जग सुख सेती सब पोथी सिरजाय हे।*

*सीता सत डटे रहि पति पत राखे बर,*

*फूल भार अगन ले नहक देखाय हे।*

*रत्नारानी ला देखौ माया परे तुलसी ला,*

*राम में रमाये मन लहर लगाय हे।*

*जब जब देखहू लहुट के रे मनखे हो,* 

*पग पग तिरिया हा जग ला रेंगाय हे।*


*शोभामोहन श्रीवास्तव*

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दोहा छंद-संगीता वर्मा

नारी के तो होत हे, युग युग सुघर बखान।

पार नहीं पावय कहूँ, नारी हवै महान।।


गावव महिमा गान सब, नारी रूप हजार।

दया मया के छाँव हे, करथे घर उजियार।।


नारी बिन ये जग नहीं, नारी जग आधार।

बिन नारी के जान लौ, होथे घर अँधियार।।


नारी ले नर होत हे,रख लौ एखर ज्ञान।

देवव झन अब ताड़ना,छोड़व अब अभिमान।।


नारी बिन सुन्ना लगे, घर मा जी परिवार।

नारी ले बरकत हवै,करथे वो विस्तार।।


संगीता वर्मा

भिलाई छत्तीसगढ़

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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस

कुंडलिया छंद

(नारी महिमा)


नारी महिमा जान लौ, जिनगी के आधार।

इँखरे ले परिवार हे, इँखरे ले संसार।।

इँखरे ले संसार, चलय जी महिमा भारी।

बेटी बहिनी प्यार, पुरो वँय बन महतारी।।

लक्ष्मी देवी रूप, सबो देवी अँवतारी।

हवय अधुरा जान, मान लव नर ,बिन नारी।।


बनके जननी जीव के, करथे वो उपकार।

माँ धरनी के रूप मा, हावय पालन हार।।

हावय पालन हार, हवय जग सिरजनकारी।

नर के हे जी संग, देख लव हर पल नारी ।।

सबो हवँय संतान , जान लौ ऊंकर मनके।

देथे जिनगी तार, जगत मा जननी बनके ।।


नारी गुण के खान हे, कुल के इज्जत मान।

दया मया के छाँव हे, घर अँगना के शान।।

घर अँगना के शान, थामे चूलहा चौका।

करे राज अउ पाठ, जब जब मिले हे मौका।।

महल सजाथे प्राण,  बन राजा के दुलारी।

बेटी गीता रूप, खुशी के फुलवा नारी।।


छंदकार-अश्वनी कोसरे

रहँगी पोंड़ी

कवर्धा

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हरिगीतिका छंद


नारी दिवस मा मोर भाव



तोरे चरण मा हे सरग ,अउ कोख मा ब्रम्हांड हे।

तन मा रखे अमरित कुआँ, मन शक्ति मा कुष्मांड हे।

नारी बखानौं मँय कतिक ,महिमा अगम हे तोर वो।

सुख दुख मया ममता सबो, गंठियाय अँचरा छोर वो।



आँखी तरी सागर बसे,अउ हाथ मा सब स्वाद हे।

धुन साज लोरी मा बसे,सब ग्रंथ के अनुवाद हे।

माटी कहाँ ले लाय हे,नारी ल विधना जब गढ़े।

गीता करम पोथी धरम, तँय पाय नारी बिन पढ़े।



आशा देशमुख


4 comments:

  1. अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के गाड़ा-गाड़ा बधाई हो

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  2. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के गाड़ा गाड़ा बधाई हे

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  3. सुग्घर संग्रह

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