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Monday, January 30, 2023

महिना पखवाड़ा मन के गोठ बात सरसी छन्द मा*

 *महिना पखवाड़ा मन के गोठ बात सरसी छन्द मा*


महिना अउ पखवाड़ा मिलके, करत हवंय सब बात। 

उँकर बैठकी मा आये हें, साँझ बिहनियाँ रात।। 1


चैत कहत हे होत मोर से, नवा साल शुरुआत। 

मोरे घर मा राम जनम अउ, माता के नवरात।। 2


दूसर मा बैसाख उठत हे,राखंव अक्ती तीज। 

दान धरम सब अक्षय रहिथें, मै किसान के बीज।। 3


जेठ घलो  आगी कस बोले, मैं हर रखथौ ताप। 

मोर तीर मा जेहर बैठे, ओकर निकले भाप।। 4


कहत असाढ़ सुनव भाई हो, मैं धरती महकाँव। 

बादर के संदेशा देवंव, रखंव घाम अउ छाँव।। 5


सावन के तो शान अलग हे , खुश हे भोलेनाथ। 

गंगा के धारा बोहत हे,जगत नवावय माथ।। 6


भादो के कोरा मा बैठे , शंकर सुवन गणेश। 

गाँव _गली घर घर म बिराजे , काटे विध्न कलेश।। 7


पुरखा मन के सुरता करके, करथे मान कुंवार। 

दुर्गा दाई ला बैठाके, करय जगत उजियार।। 8


कातिक कहिथे मोर सही जी, कोन हवय धनवान। 

मोला मिले हवय संगी हो, लक्ष्मी के वरदान।। 9


अग्घन घलो अकड़ के बोलय, मोर तीर हे जाड़। 

दुबके रहिथे घर मा लोगन, काँपे ऊँखर हाड़।।10


पूस मास मा अनपुरना माँ, टुकनी धर के आय। 

खनखन  खनकन कोठी हाँसय, अन्न धान छलकाय।। 11


माघ फगुनवा के अँगना मा, खेले खाय बसंत। 

राग _रंग जब मदरस घोरे, दुख के होवय अंत।।12


*तिथि मन के गोठ*


एकम तिथि के नवराती मा, होवय अब्बड़ मान। 

दूजे के चन्दा ला देखव, बनगे शिव के शान।। 2


दाई बहिनी मन रहिथें जी, तीजा तीज उपास। 

चौथ चतुर्थी संकट हरथे, सब बर होथे खास।। 2


अब्बड़ खास बसंत पंचमी, वाणी के अवतार। 

षष्ठी तिथि के होय खम्हर छठ, सगरी करे दुलार।। 3


साते के संतान सप्तमी, आठे जन्मे श्याम। 

नवमी तिथि मधुमास पुनीता, जन्म धरे श्री राम।। 4


दशमी बनगे विजया दशमी, जरगे रावण राज। 

जीत सदा सच के ही होथे, जानय सबो समाज।। 5


एकादश , द्वादश  के संगी , अबड़ महत्तम आय। 

लक्ष्मी नारायण के जोड़ी, कृपा दया बरसाय।। 6


तेरस चौदस के खाता मा, तन मन रहय निरोग। 

दीया दान अमावस पुन्नी, बने भाग्य के योग।।7


आशा देशमुख

एनटीपीसी जमनीपाली कोरबा

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