: *मत्तगयंद सवैया-माखनचोर*
माखनचोर कहे जग हा,मँय तो कहिथौं चितचोर लला तैं।
हे करिया छलिया कहिथे,कउनो बिलवा रणछोर लला तैं।।
खावत माखन दूध दही,मटका धर देथस फोर लला तैं।
लूट डरे मन माखन ला,हरि बाँध मया कर डोर लला तैं।।
खेलत गेंद गिरे जमुना जल,नाथ डरे कलिया फुसनाये।
बाल पना बधके पुतना, रकसा मनला प्रभु मार भगाये।।
चाणुर मुष्टिक कंस बधे,धरती तँय दुष्ट विहीन कराये।
रास रचा मुरली धुन मा बृज, गोप गुवालिन के मन भाये।
काम नहीं कउनो छुटका प्रभु गाय चरा जग ला समझाये।
दूत बने पँडवा दल के तँय,कौरव के अभिमान गलाये।।
धर्म धुरा बनके रण मा,मनखे मनला खुद राह दिखाये।
मोह मया सब हे बिरथा, निसकाम करौ कहि ज्ञान बताये।।
देख नहावत वस्त्र बिना, लुगरा झट ले तँय नाथ लुकाये।
खींचत चीर अधीर दुशासन, हाँ विनती सुन दौंड़त आये।।
आय गरीब खड़े दर मा,मितवा बनके जग रीत निभाये।
खा छिलका प्रभु मान रखे अउ तैं भगती कर मान बढ़ाये।।
आस तहीं विसवास तहीं,मन प्रान तहीं अउ साँस तहीं हा।
सूरज चाँद अगास तहीं,बरखा गरमी मधुमास तहीं हा।।
मात पिता परिवार तहीं,प्रभु पूत सखा सब आस तहीं हा।
मोर नहीं कउनो जग मा,अब हे रिसता सब खास तहीं हा।।
नारायण प्रसाद वर्मा *चंदन*
ढ़ाबा-भिंभौरी,बेमेतरा छ.ग.
7354958844
💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐
: कान्हा-- जयकारी छंद
मार काट माते हे आज।
लूटत हें दुरपति के लाज।।
विनती सुनले अब तो मोर।
दरसन दे दे माखनचोर।।
सुख के सुग्घर बोहय धार।
कृपा करव हे पालनहार।।
पाँव सुदामा जइसन मीत।
गूँजे सब गलियन में गीत।।
कंस भरे हें ये जग जान।
आ के हर ले तुरते प्रान।।
भाई-भाई मा होवत रार।
राग-द्वेष ला मन ले टार।।
दीन दुखी के तँय करतार।
आज लगादे बेड़ापार।।
बिपत हरव हे दया निधान।
फेर सुनाके गीता ज्ञान।।
बाढ़े अब्बड़ अत्याचार।
पापी मन ला आ के मार।।
कर दे कान्हा जग कल्यान।
तभ्भे आही नवा बिहान।।
मुकेश उइके "मयारू"
ग्राम- चेपा, पाली, कोरबा(छ.ग.)
💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐
आठे कन्हैया
-----------------
चलौ तिहार मनाबो भइया।
जनम धरे हे कृष्ण कन्हैया।।
कृष्ण पक्ष भादो के आठे ।
रतिहा घुप अँधियारी डाँटे।
जेल कंस के हे दुख दइया।
जनम धरे हे कृष्ण-कन्हैया।
देइस जनम देवकी माता।
गोदी आगे सुख के दाता।
वासुदेव गोकुल पँहुचइया।
जनम धरे हे कृष्ण-कन्हैया।
बाल कृष्ण के बात निराला।
संगी-साथी गोपी ग्वाला।
करै दुलार यशोमति मइया।
जनम धरे हे कृष्ण-कन्हैया।
जमुना तट मा धेनु चरावय।
खेलै कूदै रास रचावय।
मोहन मुरली मधुर बजइया।
जनम धरे हे कृष्ण-कन्हैया।
छुटपन मा दुष्टन ला मारिस।
मार बकासुर पुतना तारिस।
मथुरा जाके कंस बधइया।
जनम धरे हे कृष्ण-कन्हैया।
धरम धजा वोहा फहराइस।
महभारत के युद्ध कराइस।
द्रुपद सुता के लाज बँचइया।
जनम धरे हे कृष्ण-कन्हैया।
वोकर अदभुत हावै लिल्ला।
माथ नँवाबो माई पिल्ला।
आय उही भवपार लगइया।
जनम धरे हे कृष्ण-कन्हैया।
चोवा राम वर्मा 'बादल '
हथबंद, छत्तीसगढ़
💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐
विजेन्द्र: *मुरली धारी (कृष्ण)- कुण्डलिया*
गिरधारी मनमोहना, कतका रास रचाय
पापी मन के नाश कर, जग ले पाप मिटाय।
जग ले पाप मिटाय, मनोहर मुरली धारी।
सबके बिपत भगाय, रात कारी अँधियारी।
यशोमती के लाल, अगम महिमा हे भारी।
भक्तन जपथें नाँव, सदा जय हो गिरधारी।।
*दुर्मिल सवैया*
*ललना जनमे ब्रज मा*
ललना जनमे ब्रज मा भइया,सब देवन फूल बरसाय भला I
हय रूप मनोहर मोहन के,सब देखय गा ललचाय भला I
अउ नंद यशोमति के ललना,मुचले कतका मुसकाय भला I
सुनके सब गोपिन ग्वालिन हा,घर नंद इहाँ सकलाय भला I
*रसिया रस माधव*
प्रभु रूप हरे मन भावन गा,जग मोहन मोह निकंदन हे।
अउ भक्तन के सुख धाम उही,मनमोहन मोहक चन्दन हे।
रसिया रस माधव रंग उही,प्रभु लाल यशोमती नन्दन हे।
सब पीर बिसार करे तन के,तब लोग करैं बड़ वन्दन हे।
*पनिहारिन के घट फोड़ रहै*
मुरलीधर माधव मोहन हा,पनिहारिन के घट फोड़ रहै।
अउ गोप गुवालिन के कइसे,चुटिया धर रोज मरोड़ रहै।
हरि श्याम सुदर्शन केशव हा,सब ला अपने सन जोड़ रहै।
मन हर्षित होवय ग्वालिन के,चढ़के घट माखन तोड़ रहै।
*छबि श्याम के*
अउ पाँव मिले करले प्रभु के,घुम तीरथ दर्शन धाम भला।
अउ हाथ हवै धन दान करौ,कर लौ पुन के तब काम भला।
अउ कान मिले गुढ़ बात सुनौ,नइ लागय गा सुन दाम भला।
अउ आँख हवै झन हो अँधरा,मन मा रखले छबि श्याम भला।
*भक्तन के तुम पीर हरौ*
मनमोहन श्रीधर श्याम सखा,मन मंदिर मा नित वास करौ।
अनया अजया रविलोचन हौ,सब भक्तन के तुम पीर हरौ।
वसुदेव सुमेध सुदर्शन हौ,नित ज्ञान सुना ग कुठार भरौ।
मुरली अपराजित श्याम जना,नित पंकज के सब पाँव परौ।
विजेन्द्र कुमार वर्मा
नगरगाँव (धरसीवाँ)
💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐
No comments:
Post a Comment