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Tuesday, May 23, 2023

कुंडलियाँ छंद(गलत विज्ञापन करत खिलाड़ी अभिनेता)

 कुंडलियाँ छंद(गलत विज्ञापन करत खिलाड़ी अभिनेता)


दारू गुटखा अउ जुआ, देथे जिनगी घाल।

विज्ञापन एखर करे, वोखर नीछव खाल।।

वोखर नीछव खाल, बढ़ावै जे अवगुन ला।

सिर मा झन बइठाव, इसन अभिनेता घुन ला।।

इंखर सुनके बात, बिगड़गे गंगा बारू।

होगे हावय काल, जुआ गुटखा अउ दारू।।


बुता बिगाड़े के करे, बनके बड़का जौन।

वोला दव फटकार मिल, हो जावै झट मौन।

हो जावै झट मौन, स्टार बनके जे फाँसे।

नइ ते सत संस्कार, सबे हो जाही नाँसे।

बड़का पन के मान, रखत सत झंडा गाड़े।

देवँय बढ़िया सीख, कहूँ झन बुता बिगाड़े।।


तास जुआ के खेल हा, बने कभू नइ होय।

विज्ञापन ला एखरो, कई खिलाड़ी ढोय।।

कई खिलाड़ी ढोय, लोभ लालच के गट्ठा।

खेले बर उकसाय, बात नोहे ए ठट्ठा।

बिगड़त हवै समाज, जरूरत हवै दुआ के।

चुक्ता होवय बंद, खेल हा तास जुआ के।


जीतेंद्र वर्मा"खैरझिटिया"

बाल्को, कोरबा(छग)

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