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Sunday, January 14, 2018

कुण्डलिया छन्द - श्री सूर्यकान्त गुप्ता

मोर गुरतुर भाखा छत्तीसगढ़ी

बोली भाखा के अपन, करौ सबो सन्मान।
दूसर भाखा के मगर, झन करिहौ अपमान।।
झन करिहौ अपमान, मान देवव अउ पावव।
जिनगी जउन चलाय, गीत ओकर तुम गावव।।
हिम्मत राखौ संग, छोड़ दौ हँसी ठिठोली।
मोला बिक्कट भाय, मोर ए गुरतुर बोली।।

                  कोंदा जनता
कोंदा जनता ल रथे, एके के दरकार।
फोकट मा मिल जाय अउ, बइठे खावैं यार।।
बइठे खाँवैं यार, मेहनत करना काबर।
मध्यमवर्गी जाय, पिसावय ओही मर मर।।
बाबा चाँउर बाँट, रहन दे उनला भोंदा।
खुरसी मा तँय बइठ, बनावत सबला कोंदा।।

                 मोबाइल लीला
मोबाइल लीला गजब, सब झन हन अइलाय।
लिखत पढ़त रहिथन इहें, पीठ घेंच लचकाय।।
पीठ  घेंच  लचकाय,  चलावत  गाड़ी  घोड़ा।
डारे   हेल्थ   गँवाय,   बनावत   एला   रोड़ा।।
सकल करम ला देख, इही मा बन उतियाइल।
सब झन हन अइलाय, गजब लीला मोबाइल।।

                     खउलत पानी

खउलत  पानी  मा  कभू,  दिखय  न  अपने चित्र।
गुस्सा  मा  जी  ओइसने,  सुध  बुध  खोथन मित्र।।
सुध बुध खोथन मित्र, अल्हन बड़ हम कर जाथन।
खऊलावत   तन  मन,   ब्यर्थ  काछन  चढ़वाथन।।
काम  क्रोध  मद  लोभ,  बाँध  झन  मन  घानी मा।
दिखय  न  अपने  चित्र,  कभू  खउलत  पानी  मा।।

रचनाकार..
सूर्यकांत गुप्ता
सिंधिया नगर दुर्ग

23 comments:

  1. वाह वाह। गुरुदेव गुप्ता जी। गजब के कुण्डलिया छंद सिरजाय हव।अनुपम।बधाई।

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  2. सादर धन्यवाद मोहन भाई...

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  3. अब आशुकवि भाई ला का कहंव
    इन्खर बर तो बस एक शब्द चाही तहन तुरते सृजन।
    सादर नमन भाई जी
    बहुत बढ़िया कुण्डलिया

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    1. बहिनीईईई
      सादर पैलगी अउ असीस घलो

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  4. छँद आज बढिया लिखे, पाबे पावन प्रीत
    कर्म बनाथे भाग ला, ए दुनिया के रीत।

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    1. एकर ले अउ का बने, दीदी के आसीस।
      तोर चरण मा मोर तो, नवे रहय ए शीष।।
      हिरदे ले शुक्रिया दीदी...

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  5. बहुत सुन्दर भैया जी साधुवाद

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  6. बहुत बढ़िया कुंडली मारे हस भैया जी । पढ के मजा आगे ।
    बधाई हो गुप्ता जी ।

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  7. उत्कृष्ठ कुण्डलियाँ छंद के सृजन भैयाजी।सादर बधाई

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  8. उत्कृष्ठ कुण्डलियाँ छंद के सृजन भैयाजी।सादर बधाई

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  9. Replies
    1. गुरुदेव के कृपा अउ दीदी भैया मन के असीस...
      सादर प्रणाम भैया

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  10. गजब कुंडली सिरजाये हौ गुरुजी , आप के कविता जतके सुनबे , पढबे अउ पढ़े के मन होथे, आप तो कवि कुल वंश के सुरहुत्ति के दिया हरव

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    1. सब माँ शारदे के कृपा, गुरुदेव अउ भैया अरुण निगम जी के मार्गदर्शन अउ आप जम्मो भाई बहिनी मन के दुआ के परिणाम ए भाईईईई... हृदयतल से शुक्रिया....

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  11. Replies
    1. हृदयतल से शुक्रिया भाईईईई गो....

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  12. अब्बड़ सुग्घर सन्देश देवत कुंडलिया छंद भईया लाजावाब

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    1. भाईईईई.... हिरदे ले बहुत बहुत धन्यवाद जीईईई....

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  13. शानदार कुण्डलिया वाह्ह् वाह्ह भैया जी।

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