अमृत ध्वनि छंद-आशा देशमुख
1--जर जाये वो सोन हा, जेमा टूटे कान।
सार बात ला जी सुनव,देके सबझन ध्यान।
देके सबझन,ध्यान बने जी,गोठ सुनव जी।
बाहिर का हे,भीतर का हे,बने गुनव जी।
राहर काड़ी,सुक्खा कचरा, बरथे भरभर।
गलत काम हा, सुघर चाम हा, सब जाथे जर।
2--पीरा हा बड़ काम के,पीरा रचथे गीत।
जे पीरा ला मान दे,वोला जानव मीत।
वोला जानव, मीत मया के,बात मान लव।
पीरा भीतर,आगी पानी ,यहू जान लव।
तन अउ मन ला ,धन अउ जन ला, चाबे कीरा।
गीत रचत हे,देह कसत हे,मन के पीरा।
3--काई का का गुण कहँव,येखर शक्ति अपार।
चिखला के का बात हे, पथरा जाथे हार।
पथरा जाथे,हार देख ले,कहँव कहानी।
गिरथे परथे ,जब पथरा मा, रोजे पानी।
मुड़ी फ़ुटत हे,गोड़ टुटत हे,बड़ दुखदाई।
गली खोर अउ ,तरिया डबरी ,जमथे काई।
4--आनी बानी हे परब ,आनी बानी गीत।
हमरो तीज तिहार के,अजब गजब हे रीत।
अजब गजब हे ,लोक परब हे,सुनव कहानी।
करू करेला,धरे मया के,मीठा बानी।
नँदिया बइला ,पोरा जाँता,दाना पानी।
करम धरम हे,नीति नियम हे, आनी बानी।
5--हरियर हरियर सब डहर, बादर वर्षा संग।
धरती अउ सब जीव के,भीगय सब्बो अंग।
भीगय सब्बो ,अंग अंग हा, जीव जगत के।
पीरा हरथे ,मन सुख भरथे, देव भगत के।
मन हे फरियर, मंदिर हे घर ,फूटे नरियर।
सबके खेती,रोटी बेटी,राहय हरियर।।
आशा देशमुख
एनटीपीसी रामगुंडम
तेलंगाना
शानदार छंद दीदी,बधाई🙏🙏🙏🙏🙏
ReplyDeleteबहुत सुग्घर दीदी जी
ReplyDeleteबहुतेच सुग्घर ।काई ऊपर अमृत ध्वनि अद्भुत सिरजन
ReplyDeleteसुग्घर रचना दीदी।बधाई
ReplyDeleteसुग्घर रचना बहिनी बहुत बहुत बधाई ।
ReplyDeleteसुग्घर सृजन आशा देशमुख बहिनी आपला बहुत बहुत बधाई हो
ReplyDeleteसुघ्घर सृजन आशा देशमुख बहिनी आपला बहुत बहुत बधाई हो
ReplyDeleteसुग्घर अमृतध्वनि छंद वाह!
ReplyDeleteबहुत शानदार रचना दीदी। बहुत बहुत बधाई
ReplyDeleteबहुत खूब अति सुन्दर रचना दीदी जी
ReplyDeleteसबो भाई बहिनी मन के आभार
ReplyDeleteबहुते बढ़िया सृजन दीदी
ReplyDeleteअति सुग्घर छंद रचना करे हव।दीदी जी।सादर बधाई ।
ReplyDeleteवाहहह!वाहहह!दीदी अनुपम सृजन
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