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Friday, September 27, 2019

अमृतध्वनि छंद-मोहन लाल वर्मा

अमृतध्वनि छंद-मोहन लाल वर्मा
     
     (1) जय हो भारत माता

भारत माता तोर बर, देहूँ  अपन परान ।
बइरी ला धुर्रा चटा, तोर बढ़ाहूँ  शान ।।
तोर बढ़ाहूँ ,शान-मान ला , सीमा  जाके ।
बइरी रण ले, भाग जही तब,आरो पाके ।।
तोर संग मा,जनम-जनम के, हावय नाता ।
करँव वंदना, जय हो जय हो,भारत माता ।।

    (2)हनुमान सुमरनी

वन्दन हावय आज गा,राम भक्त हनुमान ।
आके लउहा तँय हटा,दुख-पीरा के खान ।।
दुख-पीरा के, खान हवय गा,जिनगी मोरे ।
सजा आरती, रोज करँव मँय,सुमिरन तोरे । ।
महावीर बजरंग बली हे,अँजनी- नंदन ।
घेरी-बेरी, नाँव जपव मँय, करथँव वंदन ।।

    (3)तिरंगा अउ जवान

धरे तिरंगा हाथ मा, रेंगत हवय जवान ।
सेवा खातिर देश के, लुटा दिहीं गा जान  ।।
लुटा दिहीं गा ,जान -शान बर,करतब करहीं ।
आही संकट ,जूझ जहीं अउ,सब झन लड़हीं।।
थरथर काँपत, रइहीं बइरी, बिन ले पंगा ।
लाज बचइया, हावय आगू ,  धरे तिरंगा ।।

छंदकार- मोहन लाल वर्मा
पता- ग्राम-अल्दा,वि.खं.-तिल्दा, जिला-रायपुर (छत्तीसगढ़)

70 comments:

  1. बहुतेच सुघ्घर अमृत ध्वनि छंद,

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  2. सुग्घर छंद रचना मोहन भाई बधाई

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  3. बहुत सुन्दर गुरुदेव जी सादर नमन

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  4. सुघ्घर अमृत ध्वनि छंद।

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  5. प्रणम्य गुरुदेव जी के कृपा प्रसाद अउ छंद के छ परिवार के मया पाके लिखे अमृत ध्वनि छंद हा छंद खजाना मा स्थान पाके सार्थक होगे। गुरुदेव सहित आप सबो ला सादर प्रणाम ।

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  6. अनंत बधाई मोहन भाई👌👍💐💐

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  7. बहुत बढ़िया गुरु जी वाह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्

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  8. बहुतेच सुघ्घर गुरूदेव

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  9. वाहःह बहुत सुघ्घर सृजन हे भाई मोहन
    बधाई हो

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  10. बढ़िया सृजन भैया जी आपके लेखनी ला नमॅ

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    1. गुरुदेव के कृपा प्रसाद हे,दीदी ।सादर आभार ।

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  11. बहुत सुग्घर भैया जी सादर नमन

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  12. बहुत सुंदर सरजी

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    1. उत्साहवर्धन बर आप सबो मयारू मन के सादर आभार

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  13. बहुत सुंदर अमृत बरसा करत अमृतध्वनि छन्द रचे हव गुरुदेव बधाई

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    1. छंद के छ परिवार के स्नेह हे,।सादर धन्यवाद ।

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  15. सुग्घर रचना भैयाजी

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  16. बहुत बढ़िया भैयाजी

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  17. अब्बड़ सुग्घर छंद लिखे हव गुरुदेव बहुत बधाई आपला

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  18. बहुते सुग्घर गुरुदेव

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  19. हमर गुरु जी मोहन लाल वर्मा जी के द्वारा रचित अंबड़ सुघ्घर अमृत ध्वनिछंद। बधाब गुरु जी।

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  20. बहुत सुघ्घर अमृत ध्वनि छंद गुरूजी। सादर बधाई।

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  21. बहुत सुग्घर rachana h sir ji koti koti badhai

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  22. बहुत ही सुघ्घर रचना बधाई

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  23. बहुत ही बढ़िया
    ...
    सच्चा साधक छंद के, भाई मोहन आप।
    लिख पावत हन हम सबो,गुरुवर कृपा प्रताप।।
    गुरुवर कृपा प्रताप, बिना होतिस का संभव।
    बिन हनुमत आशीष, मोर बर बात असंभव।।
    स्वीकारौं अपराध, स्वयं ला दे हँव गच्चा।
    कइसे मानँव आज, अपन ला साधक सच्चा।।

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    1. सादर प्रणाम सहित हार्दिक आभार, गुरुदेव ।

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  24. बहुत सुग्घर रचना गुरुदेव

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  25. बहुत सुग्घर सृजन गुरुदेव गाड़ा गाड़ा बधाई।

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  26. सुन्दर, गुरुदेव

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  27. वाह वाह सुग्घर अमृत ध्वनि छंद।हार्दिक बधाई।

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    1. आप सबो के मार्गदर्शन अउ आशीष के सद्परिणाम आय आदरणीय गुरुदेव ।सादर प्रणाम ।

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  28. बहुतेच सुग्घर।हार्दिक बधाई।

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  29. वाहहह!गजबे सुघर अमृतध्वनि रचे हव वर्मा जी।बधाई हे

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  30. Replies
    1. गुरुदेव मन के कृपा अउ छंद के छ परिवार के मया प्रोत्साहन के सद्परिणाम आय आदरणीय ।
      सादर आभार ।

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