अमृतध्वनि छंद-मोहन लाल वर्मा
(1) जय हो भारत माता
भारत माता तोर बर, देहूँ अपन परान ।
बइरी ला धुर्रा चटा, तोर बढ़ाहूँ शान ।।
तोर बढ़ाहूँ ,शान-मान ला , सीमा जाके ।
बइरी रण ले, भाग जही तब,आरो पाके ।।
तोर संग मा,जनम-जनम के, हावय नाता ।
करँव वंदना, जय हो जय हो,भारत माता ।।
(2)हनुमान सुमरनी
वन्दन हावय आज गा,राम भक्त हनुमान ।
आके लउहा तँय हटा,दुख-पीरा के खान ।।
दुख-पीरा के, खान हवय गा,जिनगी मोरे ।
सजा आरती, रोज करँव मँय,सुमिरन तोरे । ।
महावीर बजरंग बली हे,अँजनी- नंदन ।
घेरी-बेरी, नाँव जपव मँय, करथँव वंदन ।।
(3)तिरंगा अउ जवान
धरे तिरंगा हाथ मा, रेंगत हवय जवान ।
सेवा खातिर देश के, लुटा दिहीं गा जान ।।
लुटा दिहीं गा ,जान -शान बर,करतब करहीं ।
आही संकट ,जूझ जहीं अउ,सब झन लड़हीं।।
थरथर काँपत, रइहीं बइरी, बिन ले पंगा ।
लाज बचइया, हावय आगू , धरे तिरंगा ।।
छंदकार- मोहन लाल वर्मा
पता- ग्राम-अल्दा,वि.खं.-तिल्दा, जिला-रायपुर (छत्तीसगढ़)
(1) जय हो भारत माता
भारत माता तोर बर, देहूँ अपन परान ।
बइरी ला धुर्रा चटा, तोर बढ़ाहूँ शान ।।
तोर बढ़ाहूँ ,शान-मान ला , सीमा जाके ।
बइरी रण ले, भाग जही तब,आरो पाके ।।
तोर संग मा,जनम-जनम के, हावय नाता ।
करँव वंदना, जय हो जय हो,भारत माता ।।
(2)हनुमान सुमरनी
वन्दन हावय आज गा,राम भक्त हनुमान ।
आके लउहा तँय हटा,दुख-पीरा के खान ।।
दुख-पीरा के, खान हवय गा,जिनगी मोरे ।
सजा आरती, रोज करँव मँय,सुमिरन तोरे । ।
महावीर बजरंग बली हे,अँजनी- नंदन ।
घेरी-बेरी, नाँव जपव मँय, करथँव वंदन ।।
(3)तिरंगा अउ जवान
धरे तिरंगा हाथ मा, रेंगत हवय जवान ।
सेवा खातिर देश के, लुटा दिहीं गा जान ।।
लुटा दिहीं गा ,जान -शान बर,करतब करहीं ।
आही संकट ,जूझ जहीं अउ,सब झन लड़हीं।।
थरथर काँपत, रइहीं बइरी, बिन ले पंगा ।
लाज बचइया, हावय आगू , धरे तिरंगा ।।
छंदकार- मोहन लाल वर्मा
पता- ग्राम-अल्दा,वि.खं.-तिल्दा, जिला-रायपुर (छत्तीसगढ़)
बहुतेच सुघ्घर अमृत ध्वनि छंद,
ReplyDeleteसादर साधुवाद आदरणीय
DeleteThank you my dear.
Deleteआभार आदरणीय ।
Deleteसुग्घर छंद रचना मोहन भाई बधाई
ReplyDeleteधन्यवाद आदरणीय
Deleteबहुत सुन्दर गुरुदेव जी सादर नमन
ReplyDeleteआभार आदरणीय
Deleteसुघ्घर अमृत ध्वनि छंद।
ReplyDeleteनमन गुरुदेव
Deleteप्रणम्य गुरुदेव जी के कृपा प्रसाद अउ छंद के छ परिवार के मया पाके लिखे अमृत ध्वनि छंद हा छंद खजाना मा स्थान पाके सार्थक होगे। गुरुदेव सहित आप सबो ला सादर प्रणाम ।
ReplyDeleteगजब सुग्घर सर
ReplyDeleteसादर साधुवाद आदरणीय ।
Deleteअनंत बधाई मोहन भाई👌👍💐💐
ReplyDeleteधन्यवाद आदरणीया ।
Deleteबहुत बढ़िया गुरु जी वाह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्
ReplyDeleteसादर आभार आदरणीय
Deleteबहुतेच सुघ्घर गुरूदेव
ReplyDeleteधन्यवाद आदरणीय
Deleteबहुत बढ़िया
ReplyDeleteआभार आदरणीय
Deleteवाहःह बहुत सुघ्घर सृजन हे भाई मोहन
ReplyDeleteबधाई हो
हार्दिक साधुवाद आदरणीय
Deleteबढ़िया सृजन भैया जी आपके लेखनी ला नमॅ
ReplyDeleteगुरुदेव के कृपा प्रसाद हे,दीदी ।सादर आभार ।
DeleteBahut khub bhaiya ...
ReplyDeleteबहुत सुग्घर भैया जी सादर नमन
ReplyDeleteहार्दिक आभार आदरणीय
Deleteबहुत सुंदर सरजी
ReplyDeleteउत्साहवर्धन बर आप सबो मयारू मन के सादर आभार
Deleteबहुत सुंदर अमृत बरसा करत अमृतध्वनि छन्द रचे हव गुरुदेव बधाई
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद आदरणीय
Deleteवाह! भइया
ReplyDeleteजोरदार
धन्यवाद आदरणीय।
Deleteवाह घात सुग्घर रचना
ReplyDeleteछंद के छ परिवार के स्नेह हे,।सादर धन्यवाद ।
Deleteसुग्घर रचना भैयाजी
ReplyDeleteसादर साधुवाद आदरणीय ।
Deleteबहुत बढ़िया भैयाजी
ReplyDeleteधन्यवाद आदरणीय ।
Deleteअब्बड़ सुग्घर छंद लिखे हव गुरुदेव बहुत बधाई आपला
ReplyDeleteहार्दिक आभार भैया जी।
Deleteबहुते सुग्घर गुरुदेव
ReplyDeleteआभार आदरणीय ।
Deleteहमर गुरु जी मोहन लाल वर्मा जी के द्वारा रचित अंबड़ सुघ्घर अमृत ध्वनिछंद। बधाब गुरु जी।
ReplyDeleteधन्यवाद आदरणीया ।
Deleteबहुत सुघ्घर अमृत ध्वनि छंद गुरूजी। सादर बधाई।
ReplyDeleteसादर साधुवाद आदरणीया।
Deleteबहुत सुग्घर rachana h sir ji koti koti badhai
ReplyDeleteसादर साधुवाद आदरणीय ।
Deleteअब्बड़ सुग्घर भइया बधाई हो
ReplyDeleteधन्यवाद भाई जी ।
Deleteबहुत ही सुघ्घर रचना बधाई
ReplyDeleteसादर आभार आदरणीय
Deleteबहुत ही बढ़िया
ReplyDelete...
सच्चा साधक छंद के, भाई मोहन आप।
लिख पावत हन हम सबो,गुरुवर कृपा प्रताप।।
गुरुवर कृपा प्रताप, बिना होतिस का संभव।
बिन हनुमत आशीष, मोर बर बात असंभव।।
स्वीकारौं अपराध, स्वयं ला दे हँव गच्चा।
कइसे मानँव आज, अपन ला साधक सच्चा।।
सादर प्रणाम सहित हार्दिक आभार, गुरुदेव ।
Deleteबहुत सुग्घर रचना गुरुदेव
ReplyDeleteधन्यवाद आदरणीय ।
ReplyDeleteबहुत सुग्घर सृजन गुरुदेव गाड़ा गाड़ा बधाई।
ReplyDeleteहार्दिक आभार आदरणीय ।
Deleteसुन्दर, गुरुदेव
ReplyDeleteसादर साधुवाद आदरणीय ।
Deleteवाह वाह सुग्घर अमृत ध्वनि छंद।हार्दिक बधाई।
ReplyDeleteआप सबो के मार्गदर्शन अउ आशीष के सद्परिणाम आय आदरणीय गुरुदेव ।सादर प्रणाम ।
Deleteबहुतेच सुग्घर।हार्दिक बधाई।
ReplyDeleteसादर प्रणाम, गुरुदेव ।
Deleteवाहहह!गजबे सुघर अमृतध्वनि रचे हव वर्मा जी।बधाई हे
ReplyDeleteसादर साधुवाद आदरणीय ।
DeleteBhut acha verma ji
ReplyDeleteगुरुदेव मन के कृपा अउ छंद के छ परिवार के मया प्रोत्साहन के सद्परिणाम आय आदरणीय ।
Deleteसादर आभार ।