भगवान श्री राम जयंती विशेषांक
तिथि नवमी तँय ले अवतारेे, दशरथ नंदन राम दुलारेे।।
शत शत वंदन प्रभु हे तोरे, कर स्वीकार अरज ला मोरे।।
जग ले संकट हरबे रामा, अब जिनगी हे तोरे नामा।।
दुख के जिनगी झन तो बोरव , सबके अंतस सुख ला घोरव।
जल थल मा सब तोरे वासा, नभ वायु राम अनल अकासा।।
बिन मन भगवन कुछ ना होवय, हव कोनो हाँसे अउ रोवय।।
जप ले संगी राघव नामा, बिगड़े काम बनाही रामा।
का हे तोरे मन के आसा, रखव भरोसा अउ विश्वासा।।
मन मा जप ले धीरज राखव, राम रमापति मुख ले भाखव।
मैं अंतस ले बात बतावँव, पद पंकज सब माथ नवावव।।
नागेश कश्यप
कुंवागांव मुंगेली छ.ग.
7828431744
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जीतेन्द्र वर्मा"खैरझिटिया"
दोहा
थर-थर कापत हे धरा, का बिहना का शाम।
आफत ला झट टार दौ, जयजय जय श्री राम।
घनाक्षरी
आशा विश्वास धर, सियान के पाँव पर।
दया मया डोरी बर, रोज सुबे शाम के।।
घर बन एक जान, जीव सब एक मान।
जिया कखरो न चान, स्वारथ म लाम के।।
मीत ग मितानी बना, गुरतुर बानी बना।
खुद ल ग दानी बना, धर्म ध्वजा थाम के।।
डहर देखात हवे, जग ला बतात हवे।
अलख जगात हवे, चरित्र ह राम के।।
जीतेन्द्र वर्मा"खैरझिटिया"
बाल्को, कोरबा(छग)
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तिथि नवमी चैती के महिना,
अवध नगर हर्षावत हे।
राजा दशरथ अउ कौशिल्या,
जम्मों सुख ला पावत हे।।
जीव जन्तु सब खुशी मनावै,
बनवासी के डेरा मा।
पुरवइया सुग्घर निक लागै,
राम जनम शुभ बेरा मा।।
सरयू के पबरित जल छलकत,
भाग अपन सँहरावत हे।
तिथि नवमी चैती....................
दाई कौशिल्या के गोदी,
खेलत अवध बिहारी हे।
कैकेयी के भरत शत्रुघन,
पारत सब किलकारी हे।।
लखन सुमित्रा आँखी तारा,
सबके मन ला भावत हे।।
तिथि नवमी चैती..................
जोगी बनके भोले बाबा,
अँगना द्वार पधारे हे।
आस लगाए बजरंगी हा,
रूप बेंदरा धारे हे।।
दर्शन खातिर नर अउ नारी,
फूल सबो बरसावत हे।
तिथि नवमी चैती....................
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छंदकार:-
बोधन राम निषादराज"विनायक"
सहसपुर लोहारा,जिला-कबीरधाम(छ.ग.)
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: कुण्डलिया छंद-
कोरोना संहार कर, जग तारण श्री राम।
शरण पड़े हें भक्त जन, लौ बिपदा मा थाम।।
लौ बिपदा मा थाम, राम नवमी शुभ बेला।
जन्म जयंती आप, सहे ना भक्त झमेला।।
जान गवाँ बेमौत, पड़े ना रोना- धोना।
विघ्नहरण प्रभु राम, दूर कर दौ कोरोना।।
इंजी. गजानन्द पात्रे सत्यबोध
बिलासपुर
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सर्वगामी सवैया- विजेन्द्र वर्मा
रामनवमी
लो संत ज्ञानी सबो बोलथे भक्ति जे हा करे रोज आशीष पाथे।
श्री राम के नाम ला तो जपे ले सबो के इहाँ कष्ट हा भाग जाथे।
गाथे खुशी के बने गीत वोहा ग जे भक्ति मा डूब गंगा नहाथे।
होथे सदा ओकरे मान दाई ददा ला सदा चित्त मा जें बसाथे।
विजेन्द्र वर्मा
नगरगाँव(धरसीवाँ)
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सुन लो राम कहानी
ताटक छंद
राजा दशरथ के अँगना में , खेले चारो भैया जी।
देखत माता होत मगन हे,कैकेयी कौशल्या जी।
ठुमुक ठुमुक जब रेंगे रधुवर,बाजत हे पैजनिया जी।
सरग लोक ले देवता देखे,लेवत हावय बलैया जी।
तीनों देवी करे आरती,लक्ष्मी अंबा ब्रम्हाणी।
जय हो जय हो चारो भैया, गावत हे वीणा पाणी।।
मुख में दधि लिपटाये भागे,खेले अंगना दुवारी।
सुनलो राम कहानी भैया,देखो लागे मनहारी।।
राजा दशरथ कुलकत मन में, बेटा पायेंव रामा जी।
भरत शत्रुघन अऊ लछिमन हे, मन में करत प्रणामा जी।।
धन्य भाग राजा दशरथ के,चौथे पन मा पाइस हे।
गोदी मा बैठारे राहय,मुख चूमत सुख भाइस हे।
सुनलो राम कहानी भैया,भव से पार लगाथे जी।
दीन दुखी के दुख ला हरथे,सब ला सुख पहुँचाथे जी।।
केवरा यदु "मीरा "
राजिम
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आशा देशमुख:
मनहरण घनाक्षरी
राम लला अवतरे,रोग राई दुख टरे,
चारो कोती ज्योत बरे, राम संसार हे।
राम मा समाय सब,राम ला बसाय सब,
राम ला मनाय सब,राम ही आधार हे।
राम सुख धाम हवे,राम आठो याम हवे,
प्रभु पूर्ण काम हवे,राम भरतार हे।
राम नाम जपौ प्राणी,सुधरे हे जिनगानी,
पढ़ो करम कहानी,राम कथाकार हे।
आशा देशमुख
एनटीपीसी जमनीपाली कोरबा
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कुण्डलिया (रामनवमी) ... अजय अमृतांशु
पाये हस मानुष जनम, भज मनखे श्रीराम।
कलजुग नाम अधार हे, बनही बिगड़े काम।।
बनही बिगड़े काम, राम जब पालनहारी।
टरही विपदा तोर, फिकर झन कर सँगवारी।
कहे अजय कविराय, कोन का ले के जाये।
जप ले तँय हरिनाम, काय धर के तँय आये।
आज्ञाकारी हम बनिन, जइसन के श्रीराम।
रघुकुल रीति निभाय बर, तजिन अयोध्या धाम।
तजिन अयोध्या धाम, पिता के बचन निभाइन।
पुरिस जभे वनवास , तभे उन वापस आइन।
कहे अजय कविराय, राम के महिमा भारी।
कलजुग राम अधार, उही हे पालनहारी ।।
अजय अमृतांशु
भाटापारा (छत्तीसगढ़)
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बड़ सुग्घर संकलन। बधाई
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