चंदूलाल बाबा
महानदी शिवनाथ के, इहाँ पावन धार हे।
चंदूलाल बाबा तोर, महिमा हा अपार हे।।
कण-कण हा ये माटी के, पाइस तोर दुलार हे।
चंदूलाल बाबा तोर, महिमा हा अपार हे।।
तैं कलम के बने सिपाही, किंदरे दुनिया भर मा।
गाँधी नेहरू के होगे साथी, नानकुन उमर मा।।
भारत माँ के सेवा खातिर, लिये रहे अवतार हे।
चंदूलाल बाबा तोर, महिमा हा अपार हे।।
सुंदर प्यारे खूबचंद के, सपना ला साकार करे।
जियत ले तैं लड़े राज बर, अगुवा बन हुंकार भरे।।
देश के नेता समझिन पीरा, अउ समझिन सरकार हे।
चंदूलाल बाबा तोर, महिमा हा अपार हे।।
नवा-नवा तकनीक अउ, उन्नत खेती के बात करे।
सबल बनै बेटा बेटी मन, छत्तीसगढ़ मा राज करे।
संत कहाये राजनीति मा, देवता अस व्यवहार रहे।
चंदूलाल बाबा तोर, महिमा हा अपार हे।।
पुरखा तुँहर परसादे मा, राज बनिस छत्तीसगढ़।
माटी के मान बढ़ाबो गउकी, मेहनत के गेंड़ी मा चढ़।।
तोर रस्ता मा हम रेंगत हन, बारम्बार जोहार हे।
चंदूलाल बाबा तोर, महिमा हा अपार हे।।
कण-कण हा ये माटी के, पाइस तोर दुलार हे।
चंदूलाल बाबा तोर, महिमा हा अपार हे।।
महानदी शिवनाथ.............
गीत:बलराम चंद्राकर भिलाई
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