Followers

Monday, September 11, 2023

विश्व साक्षरता दिवस विशेष

  


विश्व साक्षरता दिवस विशेष


आखर - आखर आज पढ़ाहूँ, आजा दाई तोला। 

बड़ा गजब के काम करे तँय, इसकुल भेजे मोला। 


अब तक अनपढ़ भले रहे तँय, अब तो पढ़ लिख जाबे। 

करिया आखर भइस बरोबर, तँय अब नइ कह पाबे। 


साग बनाये तँय सिखलादे, मँय आखर सिखलाहूँ। 

मोर गुरू तँय पहिली दाई, अब मँय तोर कहाहूँ।  


जेन कोइला करिया करथे, उही आज उजराही। 

राँधे बेरा धरे कोइला, जेन बने लिख पाही।  


छेरी पठरू के ठन हाबय, गिन गिनती सिख जाबे। 

जोड़-जोड़ कुकरी के अंडा, गुणा करे बर पाबे। 


बोल-चाल के भाषा मा अब, अपनो ज्ञान बढाबो। 

आखर-आखर जोड़-जोड़ के, जब हम पढ़ लिख पाबो।  


सबझन साक्षर होवँय कहिके, शासन जोर लगाये। 

लइका पढ़ पड़हावत हावय, तँय काबर पिछवाये।


दिलीप कुमार वर्मा

💐💐💐💐💐💐💐💐💐

पढ़न   पढ़ावन  आव  सब,  बाँटन  अक्षर ज्ञान।

उम्मर  के  परवाह  झन,  करिहौ  कथौं सियान।।

करिहौ कथौं सियान, खोजिहौ  इसकुल  केती।

नइ     होहू    बदनाम,    निरक्षरता    के     सेती।।

इही 'कांत'  के चाह,  सबो  शिक्षित  हो  जावन।

बाँटन  अक्षर  ज्ञान,  आव   सब  पढ़न  पढ़ावन।।


सूर्यकान्त गुप्ता, सिंधिया नगर दुर्ग(छ.ग.)

💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐

[9/8, 6:48 PM] बोधन जी: *आवौ पढ़लौ - बाल कविता*


पुस्तक कापी सिलहट धरलौ।

सुख पाये बर कारज करलौ।।


आवौ भइया मिलके पढ़लौ।।

सुग्घर अपने जिनगी गढ़लौ।।


खेल - खेल  के  संग   पढ़ाई।

गीत - कहानी  सुन लौ भाई।।


नहाखोर  के   बासी   खावौ।

स्कूल  पढ़ेबर  जाबो आवौ।।


टन - टन  घंटी  बाजत   हावै।

संगी   सबो   बुलावत   हावै।।


बोधन राम निषादराज"विनायक"

💐💐💐💐💐💐💐💐

शोभन छन्द - विश्व साक्षरता दिवस (०८/०९/२०२३)



विश्व साक्षरता दिवस ला , जान लेवव आज ।

ज्ञान शिक्षा ले करत हे , जागरूक समाज ।।

सर्व शिक्षा के चलत हे , देख लव अभियान ।

कोन अनपढ़ आज रइही , पढ़ बनव गुणवान ।।


सोंच बदलय राह बदलय , काम बदलय दाम ।

ज्ञान ले बदलय जमाना ,शोहरत अउ नाम ।।

देश के हर नागरिक ला , हे मिले अधिकार ।

ज्ञान देलव ज्ञान लेलव , ज्ञान हे भरमार ।।



✍️ ओम प्रकाश पात्रे "ओम "🙏

💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐

 सरसी छंद गीत- *साक्षरता*


साक्षरता ले आम जन, करथे देश विकास।

पाथे मान समाज मा, भरके ज्ञान उजास।।


साक्षर सक्षम लोग उन, जेला क ख ज्ञान।

भाषा मर्यादा सहित, सही गलत के भान।।

शिक्षा ले बढ़थे सदा, खुद मा दृढ़ विस्वास।

साक्षरता ले आम जन, करथे देश विकास।।1


करिया अक्षर भैंस कस, शिक्षा बिना सियान।

शिक्षा ले मन भीतरी, उगथे नवा बिहान।।

अँधियारी दुख के भगे, सुख के भरे प्रकाश।

साक्षरता ले आम जन, करथे देश विकास।।2


शिक्षा बर बंधन नहीं, कोई उम्र पड़ाव।

लइका वृद्ध जवान सब, मिलके पढ़व पढ़ाव।।

करबो जिनगी के सबो, इम्तिहान तब पास।

साक्षरता ले आम जन, करथे देश विकास।।3


साक्षरता के दर बढ़े, सुग्घर हवय उपाय।

आठ सितम्बर हर बछर, साक्षर दिवस मनाय।।

गजानंद लिख छंद मा, सरसी सहीं प्रयास।

साक्षरता ले आम जन, करथे देश विकास।।4


इंजी. गजानंद पात्रे "सत्यबोध"

बिलासपुर (छत्तीसगढ़)

No comments:

Post a Comment