रोला छन्द - श्रीमती वसंती वर्मा
(1)
छिन हो जाथे सांझ,नानकुन बेरा भइगे ।
लागय कुड़कुड़ जाड़,पूस के महिना अइगे ।।
बासी रोटी बनय,गोरसी आगी बारे ।
बीड़ी देहूॅ छोड़,नॅगरहा किरिया पारे ।।
(2)
जाड़ा अड़बड़ लाय, पूस के महिना आवे ।
पानी ठरत नहाय, बहुरिया तरिया जावे ।।
भुर्री बबा जलाय,सबों तापें गा लइका ।
बड़का दाई कहय, बारिहा आगी कतका ।।
रचनाकार - श्रीमती वसंती वर्मा
बिलासपुर (छत्तीसगढ़)
(1)
छिन हो जाथे सांझ,नानकुन बेरा भइगे ।
लागय कुड़कुड़ जाड़,पूस के महिना अइगे ।।
बासी रोटी बनय,गोरसी आगी बारे ।
बीड़ी देहूॅ छोड़,नॅगरहा किरिया पारे ।।
(2)
जाड़ा अड़बड़ लाय, पूस के महिना आवे ।
पानी ठरत नहाय, बहुरिया तरिया जावे ।।
भुर्री बबा जलाय,सबों तापें गा लइका ।
बड़का दाई कहय, बारिहा आगी कतका ।।
रचनाकार - श्रीमती वसंती वर्मा
बिलासपुर (छत्तीसगढ़)
वाह्ह्ह्ह्ह् दीदी सुग्घर रचना ,जाड़ महिना के सुग्घर बासी चटनी के वरणन करे हव
ReplyDeleteधन्यवाद भैया।
Deleteसुघ्घर रोला छंद।
ReplyDeleteसुघ्घर रोला छंद।
ReplyDeleteबहुत बढ़िया रोला छंद।
ReplyDeleteधन्यवाद भैया।
Deleteधन्यवाद भैया।
Deleteबड़ सुग्घर रोला छंद दीदी जी।
ReplyDeleteधन्यवाद भैया।
Deleteधन्यवाद भैया।
Deleteबढ़िया दीदी
ReplyDeleteधन्यवाद भैया।
Deleteबढ़िया दीदी
ReplyDeleteबहुँत सुघ्घर रोला दीदी... 👑🎓🎩
ReplyDelete😁
👕👍Great!
👖
वाह दीदी सुघ्घर रोला
ReplyDeleteधन्यवाद भैया।
Deleteधन्यवाद भैया।
Deleteबढ़िया रोला छंद दीदी
ReplyDeleteधन्यवाद बहिनी।
Deleteधन्यवाद बहिनी।
Deleteबहुत सुग्घर रोला छंद लिखे हव ,दीदी। बहुत बहुत बधाई अउ शुभकामना।
ReplyDeleteधन्यवाद।
ReplyDeleteसुग्घर रोला ।बसंती वर्मा जी ला हार्दिक बधाई।
ReplyDeleteबहुत सुग्घर दीदी।सादर बधाई
ReplyDeleteबहुत सुग्घर दीदी।सादर बधाई
ReplyDeleteसुग्घर रोला दीदी। आप ल बहुँत बहुँत बधाई।
ReplyDeleteधन्यवाद भैया
Deleteधन्यवाद भैया
Deleteवाह्ह दीदी बड़ सुग्घर रोला छंद
ReplyDeleteधन्यवाद भैया
Deleteरोला बढिया छंद, लिखे हावस - वासन्ती
ReplyDeleteआइस हे आनन्द, मोर बहिनी - गुणवन्ती।
बन गे सुघ्घर ब्लॉग, देखही एला सब झन
जाग बही तँय जाग,मगन हो जाते मनमन।
धन्यवाद दीदी
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