Followers

Wednesday, August 23, 2017

श्री दुर्गाशंकर इजारदार के दोहा छन्द

श्री दुर्गाशंकर इजारदार के दोहा छन्द

परिचय के दोहा

दुर्गा शंकर नाम हे ,मौहापाली गाँव ,
सड़क तीर जी घर हवय ,महुवा के जी छाँव ।

जिला रायगढ़ में रथँव ,सारंगढ़ तहसील ,
लइका मन के संग सिखँव ,आखर आखर खील ।

कोख नानदाई जनय ,ददा मोर कल्यान ,
दू भाई दू झिन बहिन , छोटे तेमा जान ।

राजकुमारी संग में ,घूमें भाँवर सात ,
सुख दुख में जी संग रहय , रांधय सुग्घर भात।

सुर ताल अऊ राग बिन ,लिखथँव कविता जान ,
गुरु असीस ला पाय के ,सिखत हँवव विधान ।

"मैं"  ऊपर दोहा

सुन तँय मँय ला छोड़ दे ,  बात हमन हे सार ,
जतका मँय हो गिस हवय , जरके ओमन खार ।

मँय अक्षर अभिमान के , माथा पाटी जान ,
टूटे फिर ना जुड़ सकय , सिरतो एला मान ।

मँय के कारन होत हे , भाई दुश्मन जान ,
कहिके हमन देख चलव , मिल जाही भगवान ।

मैं  मा जग ला देख लव ,करव मंत्र उच्चार ,
मैं मा तो खुद तीन भुवन , तीन देव अवतार ।

मँय के माया मा बँधे , अपने मा सकलाय ,
मर रोवइया नइ मिलय ,  मन काबर भरमाय ।

मोर मोर कह तै मरे , कहूँ काम नइ आय ,
मै माया मा मोह बश , राम चरन नइ भाय ।

करनी जइसन तैं करे , भरनी तइसन पाय ,
तैं मैं के जी फेर मा , सकल  जीवन बिताय ।


गौरैय्या के दोहा

फुदक फुदक खेलत हवय , नोनी बाबू तीर ,
गौरैय्या हर देख तो , हाथ से छिनय खीर ।

गौरैय्या ला देख के , खेलय ताली मार ,
किलकारी देवत हवय , चाउर आगू डार ।

गौरैय्या फुदकय अगर , खँचवा पानी मान ,
पानी गिरही गा कहय ,बबा सिरतोच जान ।

पानी राखव छत सुनव , दाना दे दव द्वार ,
गौरैय्या ला दव मया , करलव धरम अपार ।

हाट बाजार पर दोहा

भइया ये संसार मा,लगे मया के हाट ,
आनी बानी के चीज हे ,लेवव तुमन छाँट ।

झूठ लबारी भरे हवय ,मया लगे हे हाट,
खाँटी तुमन छाँट धरव,राम नाम के बाट ।

मन में धीरज धर चलव ,मानव कहना बात ,
लाड़ू नोहय हाट के ,खाबे ताते तात ।

धरले झोला हाथ मा, चल जाबो जी हाट ,
टिकली फुँदरी तोर बर ,ले लेबे जी छाँट ।

रचनाकार - दुर्गाशंकर इजारदार
सारंगढ़ (छत्तीसगढ़)

23 comments:

  1. दुर्गाशंकर जी, बहुत सुग्घर दोहावली

    ReplyDelete
    Replies
    1. गुरुदेव सादर प्रणाम ! ए सब आपके आसिरवाद आय !

      Delete
  2. दुर्गा भईया बड़ नीक लागिस

    ReplyDelete
  3. दुर्गा भईया बड़ नीक लागिस

    ReplyDelete
  4. दुर्गाशंकर भाई बहुत बढ़िया दोहा

    ReplyDelete
  5. उत्कृष्ट दोहावली दुर्गा भाई हार्दिक बधई ...!!!

    ReplyDelete
  6. बहुत अच्छा भैया

    ReplyDelete
  7. भावपूर्ण दोहावली । हार्दिक बधाई दुर्गाशंकर जी।

    ReplyDelete
    Replies
    1. धन्यवाद वर्मा भइय मया अउ दुलार बनाए रखव

      Delete
  8. बेहतरीन दोहावली सर।सादर बधाई

    ReplyDelete
  9. बेहतरीन दोहावली सर।सादर बधाई

    ReplyDelete
  10. वाह ईजारदार जी बहुत सुंदर दोहा

    ReplyDelete
  11. बहुत सुग्घर दोहावली हे,दुर्गाशंकर भैया। बधाई।

    ReplyDelete
    Replies
    1. मोहन भइया सादर आभार सह नमन आदरणीय

      Delete