आल्हा छंद-चित्रा श्रीवास
थर थर काँपे बैरी मन हा ,सुनके लक्ष्मी बाई नाम।
नाम अमर होगे हावय जी,रानी करगे अइसन काम ।।
मनु हा बनके झाँसी रानी, अब्बड़ पाइस हावय मान।
लड़िस लड़ाई संतावन मा,दिहिस देश बर हँसके जान ।।
नाना बचपन के ये संगी, तात्या टोपे चतुर सुजान।।
आजादी के लड़िस लड़ाई, बाँध पीठ दत्तक संतान।।
बैरी हड़पे चाहय झाँसी, रानी भरिस फेर हुंकार।
रणचंडी कस कूदिस रण मा, दूनो हाथ धरे तलवार।।
बैरी काटत मारत जावय,लागे दुर्गा के अवतार।
बैैरी सेना मा मचगे जी,चारो कोती हाहाकार।
छंदकार-चित्रा श्रीवास
कोरबा छत्तीसगढ़
थर थर काँपे बैरी मन हा ,सुनके लक्ष्मी बाई नाम।
नाम अमर होगे हावय जी,रानी करगे अइसन काम ।।
मनु हा बनके झाँसी रानी, अब्बड़ पाइस हावय मान।
लड़िस लड़ाई संतावन मा,दिहिस देश बर हँसके जान ।।
नाना बचपन के ये संगी, तात्या टोपे चतुर सुजान।।
आजादी के लड़िस लड़ाई, बाँध पीठ दत्तक संतान।।
बैरी हड़पे चाहय झाँसी, रानी भरिस फेर हुंकार।
रणचंडी कस कूदिस रण मा, दूनो हाथ धरे तलवार।।
बैरी काटत मारत जावय,लागे दुर्गा के अवतार।
बैैरी सेना मा मचगे जी,चारो कोती हाहाकार।
छंदकार-चित्रा श्रीवास
कोरबा छत्तीसगढ़
सुग्घर आल्हा छन्द दीदी जी बधाई हो
ReplyDeleteहार्दिक आभार भाई
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