छत्तीसगढ़ी मा छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध कवि अउ छंद के छ के साधक मन के छन्दबद्ध रचना के संग्रह
: दुर्मिल सवैया
बिहने बिहने बड़ जाड़ लगे अउ साँझ बने मन भात रहे।
बुढ़ही बुढ़हा चँवरा बइठे गुड़ डार चहा छलकात रहे ।
लइका पिचका हर घीव बुड़े बड़ तात अँगाकर खात रहे ।
दिन चार धरे सुख आय हवे मनखे धन भाग बतात रहे ।
शशि साहू कोरबा 🙏🙏
बहुत ही सुंदर जानकारी महोदय
बहुत ही सुंदर जानकारी महोदय
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