पर उपदेस (सार छंद)
देख जउन ला तउन आज बस, देवत हे उपदेस।
स्वारथ मा सन काम करत हे, दया मया सत लेस।
धरम करम के बात करै नित, कहै झूठ झन बोलौ।
सुख सुम्मत मा जिनगी जीयौ, जहर कभू झन घोलौ।
बात मया मरहम के बोलय, बाँटय उही कलेस।
देख जउन ला तउन आज बस, देवत हे उपदेस।
नशापान के हानि बतावय, रोजे भाषण पेले।
उहू भुलागे बात बचन ला, अध्धी पाव ढकेले।
बिहना लागे संत गियानी, संझा बदले भेस।
देख जउन ला तउन आज बस, देवत हे उपदेस।
मनखे मनखे एके आवन, छोड़ौ कहै लड़ाई।
तिही बड़े छोटे नइ मानै, दाई ददा न भाई।
आन छोड़ दे अपने मन ला, पहुँचावत हे ठेस।
देख जउन ला तउन आज बस, देवत हे उपदेस।
कहिस तउन करके दिखलाइस, तुलसी बुद्ध कबीरा।
तज दिस धन दौलत वैभव ला, किसन पाय बर मीरा।
आज मनुष तज सही गलत ला, मारत हावय टेस।
देख जउन ला तउन आज बस, देवत हे उपदेस।
जीतेंद्र वर्मा"खैरझिटिया"
बाल्को,कोरबा(छग)
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