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Monday, May 30, 2022

वसन्ती* *वर्मा* *के* *चौपाई* *छंद* ~~*भाजी*~~

 .          *वसन्ती* *वर्मा* *के* *चौपाई* *छंद*


              ~~*भाजी*~~


लाली भाजी गजब मिठाथे,बासी संग बबा हर खाथे।

मेथी भाजी बढ़िया लगथे,बहुत बिटामिन एमा रइथे।1।


भाजी राँधव चेंच ग लरबट,बासी एमा खाँवय गटगट।

भाटा संग मिठाथे नुनिया,मही दही मा राँधे बढ़िया।2।


काँदा भाजी अबड़ मिठाथे,दाई एला जभे बनाथे।

अनपनहा पहुना जब आथें,ओला भाजी गुमी खवाथें।3।


रोपा भाजी खोंच लगावा,खोंट खोंट के खाते जावा।

कोंवर मुनगा भाजी राँधव,ताते तात भात मा खावव।4।


भाजी बोहार दही भांटा,बने राँध के एला बाँटा।

बड़का पाना भाजी मँखना,राँधव कराही तोप ढँकना।5।


गोभी भाजी बने मिठाथे,सुखरी सुखो के घलो खाथें।

गँहू खेत मा येहर जामे,भथुवा भाजी एकर नामे।6।


बारों मास होय चौलाई,चना दार मा राँधे दाई।

भाजी लई पान हे बड़का,ननकी बरी म राँधव फदका।7।


बारी बखरी कोला जामे,पटवा भाजी एकर नामे।

तरिया मा सुनसुनिया होथे,ओखद भाजी बने  मिठाथे ।8।


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