हेम के कज्जल छंद
भाजी
खूब विटामिन भरे पाव।
ताजा भाजी टोर लाव।
अपन बने सेहत बनाव।
भाजी पाला रोज खाव।
योग
करलव बढ़िया रोज योग।
होत बिहनिया करव भोग।
होवय तन हर जी निरोग।
भारत मा हो स्वस्थ्य लोग।
छत्तीसगढ़ी भाखा
भाखा ला जी अपन जान।
आही फेर नवा बिहान।
छत्तीसगढ़ी रखव मान।
बोलव सबो अपन जुबान।
गुरतुर भाखा
गुरतुर भाखा सदा बोल।
मनमा तँय झन जहर घोल।
तोर शब्द के हवय मोल।
अपन बात रख तोल तोल।
घड़ी
देख समय के अंतराल।
डिब्बा अंदर के कमाल।
टिकटिक घूमे चक्र काल।
समय बतावत चले चाल।
-हेमलाल साहू
छंद साधक सत्र-01
ग्राम गिधवा, जिला बेमेतरा(छ. ग.)
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