Followers

Thursday, November 26, 2020

कज्जल छंद--चोवा राम 'बादल'

 कज्जल छंद--चोवा राम 'बादल'


भींड़


भरे खचाखच हे बजार।

रोड जाम मनखे लचार।

पाकिटमारी पर्स पार।

बेवस्था हे तार तार। 1


गाड़ी घोड़ा गँज मँजाय।

सबो बजरहा लक लकाय।

कतको झन झंझट मँचाय।

पोलिस देखय बोक बाय।2


अरझे हवयँ दुकानदार।

माईलोगिन बइठ चार।

घंटा भर छाँटे निमार।

लटपट लेथें एक हार।3


भींड़ भाँड़ के चिल्लचाल।

बिगड़े हावय चाल ढाल।

बड़े बड़े मार्केट माल।

चारों मूँड़ा इही हाल।4


चोवा राम 'बादल'

हथबंद,छत्तीसगढ़

1 comment: