छत्तीसगढ़ी मा छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध कवि अउ छंद के छ के साधक मन के छन्दबद्ध रचना के संग्रह
कुंडलिया छंद
करहू कोनो झन कभू, रखहू संगी याद।
धन दौलत पद के नशा, करथे घर बरबाद।
करथे घर बरबाद, कभू झन आदी होहू।
नशा नास के मूल, नहीं जिनगी भर रोहू।
लगे कहू ये रोग, तड़फ के समझौ मरहू।
कहे ज्ञानु कविराय, नशा झन कोनो करहू।
ज्ञानु
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