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Wednesday, March 11, 2020

शंकर छंद - श्लेष चन्द्राकर




शंकर छंद - श्लेष चन्द्राकर
विषय - मोबाइल टॉवर

मोबाइल के टॉवर सेती, सबो हे हलकान।
येकर विकिरण अलकरहा हे, करत बड़ नुकसान।।
जघा-जघा मा आज इखँर गा, बिछे हावय जाल।
चिरई चुरगुन अउ मनखे के, बनत हे ये काल।।

टॉवर के सेती होवत हे, ब्रेन ट्यूमर रोग।
घातक केंसर के पीरा ला, सहत हावय लोग।।
होत दिमागी बीमारी गा, खीक हे ये मान।
इखँर फायदा कमती हावय, अबड़ हे नुकसान।।

विषय - नरई

खेतखार के नरई मन मा, लगावव झन आग।
हाथ-गोड मा लग जाथे गा, केंरवस के दाग।।
हवा प्रदूषित होथे जानव, हरे राखड़ खीक।
नांगर चलवा नरई मन ला, पाट देना ठीक।।

आग लगाथव जब नरई ला, बिगड़थे गा खेत।
काम अकल के कर लव संगी, बखत रहिते चेत।।
कभू प्रदूषण झन बगरय जी, करव अइसे काम।
झन खराब गा होवन देहू, किसनहा के नाम।।

विषय- जंगली जानवर के संरक्षण

हुर्रा भलुवा चितवा बघवा, सिरावत हे आज।
गाँव-गाँव के जंगल मन मा, करत मनखे राज।।
जीव-जंतु ला पकड़े बर गा, बिछावत हे जाल।
मार-मार के खावत हावय, उखँर बेचत खाल।।

सबो जानवर जंगल मन के, घटत हावय रोज।
मिलय नहीं गा अब देखे बर, करव कतको खोज।।
लालच मा आके मनखे हा, गिरत हावय घात।
कल सवाल लइका मन करही, बताही का बात।।

वन्य जीव ला झन मारव जी, हरय वन के शान।
जुलुम उखँर ऊपर करहू ता, रिसाही भगवान।।
हरय प्रकृति के येमन सब जी, अंग जानव खास।
इखँर निशानी बचे रहे गा, करव सबो प्रयास।।

छंदकार - श्लेष चन्द्राकर,
पता - खैरा बाड़ा, गुड़रु पारा, वार्ड नं. 27, महासमुन्द (छत्तीसगढ़) पिन-493445

36 comments:

  1. छंद खजाना मा मोर प्रयास रा जघा दे बर धन्यवाद

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  2. वाह वाह चन्द्राकर जी। बहुतेच सुग्घर ,सारगर्भित शंकर छंद सृजन बर आप ला हार्दिक बधाई।

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    1. उत्साहवर्धन करे बर हार्दिक आभार गुरुदेव

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  3. वाह वाह चन्द्राकर जी। बहुतेच सुग्घर ,सारगर्भित शंकर छंद सृजन बर आप ला हार्दिक बधाई।

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  4. बहुत खूबसूरत हवय आपके जम्मो रचना,एकर बर आप ला हार्दिक बधाई।

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  5. बहुत खूब सर जी
    एक छंद म अनेक बिषय
    बड़ सुग्घर

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    1. उत्साहवर्धन करे बर हार्दिक आभार भैया

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  6. बहुत बढ़िया चंद्राकर जी बधाई हो

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    1. उत्साहवर्धन करे बर हार्दिक आभार भैया

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  7. बड़ सुग्घर भाव रखे शंकर छंद के रचना,बधाई श्लेष जी।।

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    1. उत्साहवर्धन करे बर हार्दिक आभार

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  8. बहुत सुंदर सृजन सर जी बधाई

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  9. बहुत सुग्घर सर जी बधाई हो

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  10. बहुत सुंदर , हार्दिक बधाई ।

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    1. उत्साहवर्धन करने के लिए हार्दिक आभार सर

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  11. बहुत बहुत बधाई सर

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  12. बहुत बहुत बधाई सर

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  13. Replies
    1. जी, हार्दिक आभार आपका

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  14. Replies
    1. हार्दिक आभार आपका सर

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  15. बहुत बढ़िया रचना सर जी
    बधाई हो

    महेन्द्र देवांगन माटी

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  16. वाहःह बहुत बढ़िया सार्थक सृजन

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  17. Bahut sunder aur satya hai sir Ji
    Aapke wani jaisa meetha hai aapki
    Kavita.

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    1. जी, उत्साहवर्धन करने के लिए हार्दिक आभार आपका

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  18. बिकट बढ़िया बढ़िया छंद रचना श्लेष भाई

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