बिष्णु पद छंद
छंदकारा-सुधा शर्मा
1- सुन ले भगवान मोर बिनती,तोर शरण म पड़े।
हाथ जोर के ठाढ़े हाँवव,विपदा विकट खड़े।
2-धरती दाई तीपत कोरा,कुटी कुटी बँटगे।
होवत संगी देखव पीरा,जीव जन्तु घटगे।
3-जंगल झाड़ी सबो उजरगे,नँदिया प्यास मरे।
कइसन बेरा आगे देखव,जिनगी भँवर पड़े।
4-चेतव गा सब मनखे अब तो,उदिम कुछू करहू।
अभी घलव नइ चेतिहव ग तब,जीते जी मरहू।
5-जात पाँत के होवत झगरा,मया पीरा बिसरे।
बात बात म लहू बोहावँय,मनखे कहाँ अमरे।
6- मर मर किसान करे किसानी,
मिहनत मोल कहाँ।
झूलत हावे फाँसी भगवन,मुक्ति पाये जहाँ।
7-नँदिया तरिया सुख्खा होवत,पानी मोल बिके
ढोलक कस बढ़ोतरी बाजे,भीतर पोल दिखे।
8- गौ माता रोवत हावे अब, नैना नीर बहे।
मनखे इहाँ निर्दयी होगे,गौधन रोज कटे।
9-कतका पीरा गोठियांव मँय,बाढ़त पाप हरे।
किरा असन हे जिनगी जीयत,मनखे शाप धरे।
10- नवा नवा ये जुग के संस्कृति, मनखे सब बिगड़े।
लोक मरजाद बूड़त भगवन,कइसे भँवर खड़े।
सुधा शर्मा
राजिम छत्तीसगढ़
छंदकारा-सुधा शर्मा
1- सुन ले भगवान मोर बिनती,तोर शरण म पड़े।
हाथ जोर के ठाढ़े हाँवव,विपदा विकट खड़े।
2-धरती दाई तीपत कोरा,कुटी कुटी बँटगे।
होवत संगी देखव पीरा,जीव जन्तु घटगे।
3-जंगल झाड़ी सबो उजरगे,नँदिया प्यास मरे।
कइसन बेरा आगे देखव,जिनगी भँवर पड़े।
4-चेतव गा सब मनखे अब तो,उदिम कुछू करहू।
अभी घलव नइ चेतिहव ग तब,जीते जी मरहू।
5-जात पाँत के होवत झगरा,मया पीरा बिसरे।
बात बात म लहू बोहावँय,मनखे कहाँ अमरे।
6- मर मर किसान करे किसानी,
मिहनत मोल कहाँ।
झूलत हावे फाँसी भगवन,मुक्ति पाये जहाँ।
7-नँदिया तरिया सुख्खा होवत,पानी मोल बिके
ढोलक कस बढ़ोतरी बाजे,भीतर पोल दिखे।
8- गौ माता रोवत हावे अब, नैना नीर बहे।
मनखे इहाँ निर्दयी होगे,गौधन रोज कटे।
9-कतका पीरा गोठियांव मँय,बाढ़त पाप हरे।
किरा असन हे जिनगी जीयत,मनखे शाप धरे।
10- नवा नवा ये जुग के संस्कृति, मनखे सब बिगड़े।
लोक मरजाद बूड़त भगवन,कइसे भँवर खड़े।
सुधा शर्मा
राजिम छत्तीसगढ़
बहुत सुग्घर दीदी जी बधाई हो
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