शंकर छंद -चित्रा श्रीवास
दुनिया भर मा फइले हावय, रोग कइसे आज।।
कोरोना के डर मा देखव, बंद कतको काज।।
करथे अब्बड़ जनधन के ये, हानि देखव रोज।
कोरोना के टीका के तो ,होय नइहे खोज।।
जागरूकता हवय जरूरी, सनटाइजर साथ।
बार बार झन छूवव आँखी,रहय सप्फा हाथ।।
भोजन लेवव ताजा सादा,जीव हत्या बंद।
भीड़ भाड़ ले बाँचे के जी,करलव अब प्रबंध।।
नदिया नरवा जंगल झाड़ी, प्रकृति के वरदान।
काट रौंद के मनखे देखव,करत हें अपमान।।
कोरोना ले लड़ के आखिर,हमर होही जीत।
छोटे छोटे अपना लेवव ,सावधानी मीत।।
छंदकार-चित्रा श्रीवास
कोरबा छत्तीसगढ़
दुनिया भर मा फइले हावय, रोग कइसे आज।।
कोरोना के डर मा देखव, बंद कतको काज।।
करथे अब्बड़ जनधन के ये, हानि देखव रोज।
कोरोना के टीका के तो ,होय नइहे खोज।।
जागरूकता हवय जरूरी, सनटाइजर साथ।
बार बार झन छूवव आँखी,रहय सप्फा हाथ।।
भोजन लेवव ताजा सादा,जीव हत्या बंद।
भीड़ भाड़ ले बाँचे के जी,करलव अब प्रबंध।।
नदिया नरवा जंगल झाड़ी, प्रकृति के वरदान।
काट रौंद के मनखे देखव,करत हें अपमान।।
कोरोना ले लड़ के आखिर,हमर होही जीत।
छोटे छोटे अपना लेवव ,सावधानी मीत।।
छंदकार-चित्रा श्रीवास
कोरबा छत्तीसगढ़
वाह्ह्हह वाह्हह दीदी
ReplyDeleteआभार भाई
Deleteवाह्ह्हह वाह्हह दीदी
ReplyDeleteहार्दिक आभार भाई जी
Deleteवाह बहुत सुंदर
ReplyDeleteबहुत सुग्घर दीदी जी
ReplyDeleteहार्दिक आभार भाईजी
Deleteबहुत सुन्दर शंकर छंद बहिनी। बधाई
ReplyDeleteहार्दिक आभार दीदी
Deleteवाह मैडम जी बहुत सुंदर👏👍👌💐बधाई
ReplyDeleteहार्दिक आभार मैडम
Delete