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Thursday, March 19, 2020

शंकर छंद- इंजी.गजानंद पात्रे "सत्यबोध"

शंकर छंद- इंजी.गजानंद पात्रे "सत्यबोध"

कलम चलावव कलम सिपाही, हाल जग के देख।
दशा दिशा अउ राह सुझावय, लिखव अइसन लेख।।

कलम बँधे हे ताकत बहुते, इही कवि तलवार।
समता सुमता ममता स्याही, जुलुम बर अंगार।।

कलम चलाइस सन्त कबीरा, हाल देख समाज।
ढोंग रूढ़िवादी बर बनगिस, कलम वोकर गाज।।

अंधभक्ति बर कलम चलाइस, सन्त गुरु रविदास।
बसे कठौती मा गंगा जी, रहे मन विश्वास।।

शब्द कलम जी गुरु घासी के, कहे मनखे एक।
जाति पाति के बँधना तोड़िस, काम करगिस नेक।।

आजादी बर कलम चलाइस, सुभाष चंद्र बोस।
क्रांति कलम मा देश उमड़गे, भरे मन मा जोश।।

संविधान बर कलम चलाइस, भीम जी साहेब।
सत्य कहत हँव भीम बदौलत, कलम सबके जेब।।

देश राज खुद स्वाभिमान बर, कलम लौ  कवि थाम।
कलम दिलाही नाम जगत मा, कलम गुरु के नाम।।

छंदकार- इंजी. गजानंद पात्रे "सत्यबोध"
बिलासपुर (छत्तीसगढ़)

1 comment:

  1. वाह वाह लाजवाब छंद, भावपूर्ण...कलम के ताकत ला छंद के माध्यम ले अच्छा प्रस्तुत करे हव गुरुदेव... बहुत बधाई

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