तीजा परब विशेष
*हरिगीतिका छंद - बोधन राम निषादराज*
तीजा (हरतालिका)
तीजा अँजोरी तीज मा,भादो रथे महिना सखा।
जम्मों सुहागिन मानथे,पहिरे रथे गहना सखा।।
शिव पाय बर माँ पार्वती,उपवास ला पहिली करिन।
जानव इही खातिर सबो,नारी इहाँ व्रत ला धरिन।।
पति के उमर लम्बा रहै, दाई - ददा के घर सबो।
करुहा करेला खाय के,व्रत राखथे दिन भर सबो।।
कतको कुँवारी मन घलो,रखथे इही उपवास ला।
सुग्घर मिलै वर सोंच के,मन मा सजाथे आस ला।।
पूजा रचा शिव-पार्वती,अउ गीत बाजा बाजथे।
जम्मों सुहागिन रात भर,सुग्घर फुलेरा साजथे।।
होवत मुँधरहा सब नहा,लुगरा नवा तन डार जी।
व्रत टोरथे मिलके बहिन,करथे सबो फरहार जी।।
छंदकार:-
बोधन राम निषादराज
सहसपुर लोहारा,जिला-कबीरधाम(छ.ग.)
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विजेन्द्र: मनहरण घनाक्षरी
गिरत हवै फुहार,बोहावत मया धार।
मन हा आज सबके,बने हरियाय हे।
आय हे तीज तिहार,खुशियाँ लेके अपार।
बेटी माई दाई मन,सब सकलाय हे।
मइके के गोठ करै,बाँह भर चूरी भरै।
कहै मोर मेंहदी हा,जादा ललियाय हे।
करके सोला श्रृंगार,पहिरे गजरा हार।
भोला ला मनाये बर,आरती सजाय हे।
विजेन्द्र वर्मा
नगरगाँव(धरसीवाँ)
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कुण्डलिया -अजय अमृतांशु
तीजा मा भाँटो करत, घर के जम्मो काम।
खुदे राँध के खात हे, कहाँ मिलय आराम।।
कहाँ मिलय आराम, रात के नींद न आवय।
अलवा जलवा साग, भात चिबरी ला खावय।
झाड़ू पोंछा मार, जबर कंझावय जीजा।
दीदी बड़ मुसकाय, आय माने बर तीजा।
अजय अमृतांशु, भाटापारा
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सार छंद-जीतेन्द्र वर्मा"खैरझिटिया"
लइका लोग ल धरके गेहे,मइके मोर सुवारी।
खुदे बनाये अउ खाये के,अब आगे हे पारी।
कभू भात चिबरी हो जावै,कभू होय बड़ गिल्ला।
बर्तन भँवड़ा झाड़ू पोछा,हालत होगे ढिल्ला।
एक बेर के भात साग हा,चलथे बिहना संझा।
मिरी मसाला नमक मिले नइ,मति हा जाथे कंझा।
दिखै खोर घर अँगना रदखद,रदखद हाँड़ी बारी।
खुदे बनाये अउ खाये के,अब आगे हे पारी।1।
सुते उठे के समय बिगड़गे,घर बड़ लागै सुन्ना।
नवा पेंट कुर्था मइलागे,पहिरँव ओन्हा जुन्ना।
कतको कन कुरथा कुढ़वागे,मूड़ी देख पिरावै।
ताजा पानी ताजा खाना,नोहर होगे हावै।
कान सुने बर तरसत हावै,लइकन के किलकारी।
खुदे बनाये अउ खाये के,अब आगे हे पारी।2।
खाये बर कहिही कहिके,ताकँव मुँह साथी के।
चना चबेना मा अब कइसे,पेट भरे हाथी के।
मोर उमर बढ़ावत हावै,मइके मा वो जाके।
राखे तीजा के उपास हे,करू करेला खाके।
चारे दिन मा चितियागे हँव,चले जिया मा आरी।
खुदे बनाये अउ खाये के,अब आगे हे पारी।3।
छंदकार-जीतेन्द्र वर्मा"खैरझिटिया"
पता-बाल्को,कोरबा(छत्तीसगढ़)
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बड़ सुग्घर तीजा संकलन गुरुदेव जी
ReplyDeleteबहुते सुग्घर रचना
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