छत्तीसगढ़ के पुरोधा जनकवि श्रद्धेय कोदूराम 'दलित' जी ला आज उनकर 56 वीं पुण्यतिथि के अवसर मा विनम्र श्रद्धांजलि--
पुरखा जनकवि के हवय, पुण्य तिथि हा आज।
श्रीमन कोदू राम जी,करिन नेक हें काज।
करिन नेक हें काज,छंद मा रचना रचके।
सुग्घर के सुरताल, भाव मनभावन लचके।
गाँधी सहीं विचार, रहिंन उन उज्जर छवि के।
अमर रही गा नाम, सदा पुरखा जनकवि के।
आइस बालक ले जनम,पावन टिकरी गाँव।
मातु पिता जेकर धरिन, कोदू राम जी नाँव।
कोदू राम जी नाँव, पिता श्री राम भरोसा।
घोर गरीबी झेल, करिन उन पालन पोसा।
अर्जुन्दा के स्कूल, ज्ञान के गठरी पाइस।
गुरुजी बनके दुर्ग, शहर मा वो हा आइस।
बड़का रचनाकार वो,गद्य-पद्य सिरजाय।
हास्य व्यंग्य के धार मा, श्रोता ला नँहवाय।
श्रोता ला नँहवाय, गोठ वो लिखिन सियानी।
माटी महक समाय, गठिन बड़ कथा-कहानी।
अलहन के जी बात,व्यंग्य के डारे तड़का।
दू मितान के गोठ, करिन वो कविवर बड़का।
श्रद्धावनत
चोवा राम वर्मा 'बादल'
हथबंद, छत्तीसगढ़
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